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गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर को सुबह अभिजीत महूर्त में 11:45 पर शीतकाल के लिए बंद होंगे

विश्‍व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तारीख का ऐलान कर दिया गया है

गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर को सुबह अभिजीत महूर्त में 11:45 पर शीतकाल के लिए बंद होंगे
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गंगोत्री। विश्‍व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। आगामी 14 नवंबर को विधि-विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद श्रद्धालु 6 महीने तक मां गंगा के दर्शन मुखबा में कर सकेंगे।

रविवार को शारदीय नवरात्रि के पहले दिन गंगोत्री धाम के रावल तीर्थ पुरोहितों ने कपाट बंद करने की तिथि तय की। गंगोत्री धाम के कपाट आगामी 14 नवंबर को अन्नकूट के पावन पर्व और अभिजीत मुहूर्त पर सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा में श्रद्धालुओं का नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है।

इस साल अभी तक दोनों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या 15 लाख पार पहुंच गई है। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि 14 नवंबर को गंगोत्री धाम से मां गंगा की डोली रवाना होगी, जो रात्रि प्रवास के लिए भैरों घाटी स्थित देवी मंदिर में पहुंचेगी। वहां मां गंगा विश्राम करेंगी। इसके अगले दिन यानी 15 नवंबर को भैया दूज के पर्व पर मां गंगा की उत्सव डोली 6 महीने बाद अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी, जहां पर ग्रामीण मां गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह करेंगे।

शीतकाल यानी 6 महीने तक मां गंगा के दर्शन मुखबा में होंगे। अभी यात्रा करीब 30 दिन और चलेगी। ऐसे में नया रिकॉर्ड बनना तय है। चार धामों में से दो प्रमुख धाम गंगोत्री और यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित है। इनके दर्शन और पूजन के लिए देश-विदेश से काफी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं।


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