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कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए सांकेतिक रूप से खोले गए गंगोत्री धाम के कपाट

गंगोत्री धाम के कपाट विधिविधान पूर्वक शनिवार बैशाख शुक्ल तृतीया के शुभ मुहुर्त पर प्रात 7 बजकर 31 मिनट पर खोले गए

कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए सांकेतिक रूप से खोले गए गंगोत्री धाम के कपाट
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नई दिल्ली। गंगोत्री धाम के कपाट विधिविधान पूर्वक शनिवार बैशाख शुक्ल तृतीया के शुभ मुहुर्त पर प्रात 7 बजकर 31 मिनट पर खोले गए। शुक्रवार को मां गंगा की भोग मूर्ति भैरों घाटी पहुंची थी। शनिवार प्रात चार बजे मां गंगा की डोली ने गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान किया। इस अवसर पर मां गंगा की आरती हुई तथा जनकल्याण की कामना की गयी। उल्लेखनीय है कि चारधाम यात्रा स्थगित होने के कारण धामों के कपाट सांकेतिक रूप से खुल रहे है। केवल पूजा परंपरा से जुड़े लोगों को ही धामों में जाने की अनुमति है। धामों में पूजा- अर्चना विधिवत रूप से चलती रहेगी। कपाट खुलने के दौरान कोरोना बचाव मानकों का पालन किया गया।

इस अवसर पर श्री गंगोत्री मंदिर समिति के कुछ लोग,उपजिलाधिकारी ,उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विशेष कार्याधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले श्री यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गये है तथा 17 मई सोमवार को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। आज शनिवार को केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंचेगी।

गंगोत्री धाम के कपाट खुलने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण चारधाम यात्रा स्थगित है। स्थितियां सामान्य होने पर चारधाम यात्रा शुरू हो सकेगी। श्रद्धालुजन अपने घरों में पूजा-अर्चना करें।

देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डोली के साथ चल रहे हैं। देवस्थानम बोर्ड के डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई मंगलवार को खुल रहे हैं। जबकि द्वितीय केदार मदमहेश्वर जी के कपाट 24 मई तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जी तथा चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट 17 मई को खुल रहे है। वहीं श्री हेमकुंड साहिब एवं श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी निश्चित नहीं हुई है।

इससे पहले शुक्रवार को अक्षय तृतीया के अवसर यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए। अभिजीत मुहुर्त 12 बजकर 15 मिनट पर धाम के कपाट खोले गए। शुक्रवार सुबह श्री यमुनोत्री चलविग्रह डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल खरशाली( खुशीमठ) से प्रस्थान किया। उनको विदा करने छोटे भाई शनिदेव महाराज यमुनोत्री धाम पहुंचे थे।


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