डॉक्टर ने काम करने वाली बाई से लगवा दिया इंजेक्शन, मरीज गंभीर
अशोकनगर/पिपरई ! नगर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजों के लिए किसी भी प्रकार से सुरक्षित नहीं है। यहां पर मरीजों की सुरक्षा तो दूर अब उनकी जान के साथ भी खिलवाड़ किया जाने लगा है।

अशोकनगर/पिपरई ! नगर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजों के लिए किसी भी प्रकार से सुरक्षित नहीं है। यहां पर मरीजों की सुरक्षा तो दूर अब उनकी जान के साथ भी खिलवाड़ किया जाने लगा है। यहां पर इलाज कराने वाले गरीबों की जान लापरवाह कर्मचारियों की बदौलत दांव पर लगी हुई है। क्योंकि अब मरीजों को झाड़ू पोंछा करने वाली बाई ही इंजेक्शन लगा रही है। जिससे उनकी जान तक जा सकती है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है जब स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डॉ. विनोद जैन ने स्वास्थ्य केंद्र में झाड़ू पोंछा करने वाली बाई से ही एक मरीज को इंजेक्शन लगवा दिया। गनीमत यह रही कि उस मरीज की जान नही गई। मामला तब सामने आया जब मरीज को इंजेक्शन लगाने की जगह पर इन्फेक्शन होने लगा और वहां पर जख्म बनता चला गया तो मरीज जरीना बी के पति ने उसका इलाज कराया मगर वह जख्म ठीक नहीं हो रहा है। मरीज के पति ने सीएम हेल्पलाइन पर डॉक्टर की शिकायत कर दी। जानकारी के अनुसार फौजू खां की पत्नि जरीना बी अपना इलाज कराने के लिए परिजनों के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, जहां पर डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा तो वह लेट गर्इं इतने में वहां पर काम करने वाली बाई इंजेक्शन लगाने के लिए आ गई तो जरीना बी ने उस महिला से इंजेक्शन लगवाने के लिए मना कर दिया और डॉक्टर से कहा कि आप इंजेक्शन खुद लगाएं या फिर नर्स से लगवाएं तो डॉक्टर ने जबाव दिया कि कोई दिक्कत नही है आप इससे इंजेक्शन लगवा सकती हो। जब उस महिला से इंजेक्शन लगवा लिया तो इंजेक्शन रिएक्शन हो गया जिससे मरीज को इंजेक्शन लगाने की जगह पर जख्म हो गया इस तरह की स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पहली नहीं है क्योंकि इससे पहले भी यहां पर काम करने वाले तृतीय श्रेणी के कर्मचारी वेहिचक इसी तरह ड्रेसिंग और इंजेक्शन लगाते रहते हंै जिससे कई मरीज नाराजगी जताते है। इतना ही नहीं इससे पहले भी एक्सपायर डेट की दवा मरीज को देने का मामला सामने आया था फिर भी जिम्मेदारों द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सावधानी नही बरती गई।
इनका कहना है
हमारे द्वारा डॉक्टर विनोद जैन को नोटिस दे दिया गया है और इसकी जांच भी कराई जा रही है। अगर वह इस जांच में लिप्त पाए गए तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी,
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी


