डिजिटल डिवाइड को कम करेंगे आईआईटी दिल्ली और डेल फाउंडेशन
आईआईटी दिल्ली और माइकल एंड सुसान डेल फाउंडेशन एक साथ आए हैं। यह सांझेदारी आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए शिक्षा में बढ़ते डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए की गई है

नई दिल्ली। आईआईटी दिल्ली और माइकल एंड सुसान डेल फाउंडेशन एक साथ आए हैं। यह सांझेदारी आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए शिक्षा में बढ़ते डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए की गई है। कोरोना महामारी के बीच छात्रों की शिक्षा को पूरा करने के लिए आईआईटी दिल्ली और माइकल एंड सुसान डेल फाउंडेशन मिलकर काम करेंगे। कोरोना महामारी ने विश्व स्तर पर शिक्षा को प्रभावित किया है। कई सरकारों ने दुनियाभर में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अस्थायी रूप से शिक्षण संस्थानों को बंद किया है। आईआईटी दिल्ली में भी 2019-20, 2020-21 के कई सेमेस्टर ऑनलाइन रहे और ऑनलाइन सेमेस्टर अभी भी चलाए जा रहे हैं।
आईआईटी दिल्ली ने कहा कि मौजूदा स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा का यह एकमात्र प्रावधान है। यह यथार्थवादी विकल्प है। एक अनुमान के मुताबिक एक छोटा, लेकिन छात्रों का महत्वपूर्ण वर्ग हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन और डिवाइस जैसे कंप्यूटर, स्मार्टफोन या टैबलेट जैसी आवश्यक सुविधाओं से वंचित है। जबकि यह साधन ऑनलाइन पढ़ने और सीखने के लिए आवश्यक हैं।
ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की मदद करने के लिए आईआईटी दिल्ली ने यह पहल की है कि वंचित छात्रों को लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन जैसे डिवाइस उपलब्ध हो सकें।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने कहा, "इस प्रयास को बढ़ावा देने के लिए माइकल एंड सुसान डेल फाउंडेशन आगे आया है। आईआईटी दिल्ली यह मानता है कि जरूरत के समय छात्रों को आवश्यक मदद मिलनी चाहिए। कोविड-19 कई चर्चाओं में और वर्किं ग ग्रुप के संवाद में यह प्रस्तावित किया गया कि हम महामारी के कारण आने वाली चुनौतियों से उबरने में छात्रों की मदद करेंगे। इस साझेदारी ने हमारे छात्रों को इस दौरान आवश्यक मदद प्रदान करेगी। मुश्किल की घड़ी सहायता देने के लिए हम माइकल एंड सुसान डेल फाउंडेशन टीम के आभारी हैं।"


