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‘न्यू इंडिया का नया विजन’ का प्रतीक वाराणसी का विकास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2413 करोड़ रुपये की अनेक विकास परियोजनाओं के लोकापर्ण एवं शिलान्यास को ‘ऐतिहासिक’ एवं ‘न्यू इंडिया का नया विजन’ बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में ऊर्जा का नया संचार हुआ

‘न्यू इंडिया का नया विजन’ का प्रतीक वाराणसी का विकास
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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल, थल एवं नभ को जोड़ने वाली 2413 करोड़ रुपये की अनेक विकास परियोजनाओं के लोकापर्ण एवं शिलान्यास को ‘ऐतिहासिक’ एवं ‘न्यू इंडिया का नया विजन’ बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में ऊर्जा का नया संचार हुआ है।

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के वाजीदपुर में सोमवार को आयोजित एक भव्य समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी अपनी प्राचीन संस्कृति और संस्कार के साथ विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि बाबतपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग के चार लेन में चौरीकरण एवं सुंदरीकरण यहां आने वाल देशी-विदेशी पर्यटकों को बेहद आकर्षित करेगा और यहां आने वाले लोग अच्छी यादें लेकर लौटेंगे।

उन्होंने कहा कि पूर्व की केंद्र सरकारों को गंगा की सफाई के नाम पर रुपये को पानी में बहाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार एक-एक पैसे का उपयोग गंगा की निर्मलता के लिए कर रही है।

अधिकारिक सूत्रोंने बताया कि वाराणसी-हल्दिया के बीच गंगा में 1383 किलोमीटर जल मार्ग विकसित किया जा रहा है। वाराणसी मल्टी मोडल टर्मिनल बनने से पूर्वोत्तर और बंगलादेश तक जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध होगी जिससे सड़क मार्ग पर बोझ कम होगा। टर्मिनल के निर्माण से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के उद्योगों को वैश्विक बाजारों जुड़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि जल मार्ग विकास परियोजना पर 5369 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। रामनगर में वाराणसी टर्मिनल पर 206 करोड़ का निवेश किया गया है। वाराणसी मल्टी मोडल टर्मिनल को रिकॉर्ड 879 दिनों में बनाया गया है। इस टर्मिनल की क्षमता 12.6 लाख टन प्रति वर्ष है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत 425.41 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर की तीन परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है। 235.53 करोड़ रुपये की लागत से बना दीनापुर का 140 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट (एसटीपी), 34.01 करोड़ रुपये की लागत से बना चौकाघाट (140 एमएलडी), फुलवरिया (7.6 एमएलडी) और स‍रइया (3.7 एमएलडी) सीवेज पम्पिंग स्‍टेशन, 155.87 करोड़ रुपये की लागत से वरुणा और अस्‍सी नदियों के साथ बना 28 किलोमीटर लंबा रिलीविंग ट्रंक सीवर और राइजिंग मेन शामिल है।

एसटीपी परियोजनाओं के शुरू होने पर वाराणसी की सीवेज शोधन क्षमता मौजूदा 102 एमएलडी से बढ़कर 242 एमएलडी हो जाएगी। इन परियोजनाओं से गंगा में छोड़े जाने से पहले 140 एमएलडी सीवेज का शोधन होगा, जिससे गंगा नदी में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से वाराणसी को ‘गति से प्रगति की सौगात’ के तौर पर 1571.95 करोड़ की लागत से 34 किलोमीटर के दो महत्वपूर्ण मार्गों के निर्माण एवं सुदृढीकरण का कार्य का लोकार्पण किया गया है।


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