अस्तपाल में केमिकल इंजीनियर की मौत, परिजनो ने लगाया डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप मौत की जानकारी छुपाई
सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल में शनिवार को भर्ती मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डाक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा जमकर हंगामा किया

नोएडा। सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल में शनिवार को भर्ती मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डाक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा जमकर हंगामा किया। आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने पहले मरीज की मौत होने की जानकारी छुपाई। फिर शव देने में आनाकानी की। हंगामे के दौरान अस्पताल प्रशासन और परिजनों की काफी नोकझोंक हुई। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के आरोपों को गलत बताया है।
ओएनसीजी में था केमिकल इंजीनियर
मथुरा के 23 वर्षीय विकास गुप्ता महाराष्ट्र में आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) में केमिकल इंजीनियर थे। दिल्ली के अशोक नगर की गीता ने कहा कि भांजे विकास को पैर और घुटनों में दर्द होने की शिकायत पर करीब दो सप्ताह पहले यानी 10 (अक्टूबर) को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हैदराबाद से दिल्ली जहाज से आने के बाद मरीज अपने पैरों पर चलकर अस्पताल में भर्ती होने के लिए पहुंचा था।
तीन लाख का लगाया इंजेक्शन और कराए साइन
उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में उसकी हालत सही थी। शुक्रवार रात अस्पताल प्रबंधन ने तबीयत खराब होने पर तीन लाख रुपये का इंजेक्शन लगाने की बात कही। आनन-फानन में साइन भी करवा लिए। पिता जितेंद्र गुप्ता का कहना है कि शुरुआती जांच रिपोर्ट में सब कुछ सही था। लेकिन तीन दिन पहले मरीज की स्थिति के बारे में जानकारी छिपाई रखी। मरीज को आईसीयू और फिर वेंटिलेटर पर रखने की जानकारी नहीं दी गई।
घंटों नहीं दिया शव
शनिवार सुबह करीब 11:30 बजे मरीज की मौत होने की सूचना दे दी गई। अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर मौत की वजह जाननी चाही तो संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। बिल की रकम से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि इलाज के भुगतान का खर्च थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) के तहत होना है। अस्पताल ने मरीज के मौत के बाद कई घंटों तक शव को नहीं दिया। काफी मशक्कत के बाद शव दिया गया।


