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समाचारों की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता आज संकट में है : लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दावा किया है कि संसद टीवी सदन की कार्यवाही को निष्पक्षता से प्रसारित करता है

समाचारों की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता आज संकट में है : लोकसभा अध्यक्ष
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नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दावा किया है कि संसद टीवी सदन की कार्यवाही को निष्पक्षता से प्रसारित करता है। संसद टीवी जनप्रतिनिधियों की आवाज के साथ-साथ संसद और आमजन के बीच प्रभावी कनेक्ट का माध्यम है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को संसद टेलीविजन के स्थापना दिवस पर संसद भवन परिसर में आयोजित संसद टीवी कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि आज समाचारों की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता संकट में है।

उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली के एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में संसद टीवी लोकतंत्र की भावना को लोगों तक पहुंचाकर इस कमी को पूरा करने में सराहनीय कार्य कर रहा है और सूचना के प्रामाणिक स्रोत के रूप में संसद टीवी की छाप देश और विदेश में विभिन्न हितधारकों को लाभान्वित कर रही है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि उभरती प्रौद्योगिकियों और एआई के उपयोग से संसद टीवी लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करेगा। जन-जन की आवश्यकताओं के अनुसार संसद टीवी की स्थापना की गई। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि तीन वर्षीय अस्तित्व में संसद टीवी लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्कृति के उच्च मूल्यों को प्रदर्शित करने का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ संसद टीवी राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा दे रहा है।

उन्होंने कहा कि संसद टीवी के माध्यम से लोग संसद और लोकतांत्रिक संस्थानों के कामकाज, नीतियों और योजनाओं के कार्यान्वयन से अवगत हो रहे हैं। साथ ही संसद टीवी के माध्यम से भारतीय संस्कृति, इतिहास और वर्तमान से जुड़े सरोकार जन-जन तक पहुंच रहे हैं। संसद टीवी देश के लोकतांत्रिक संस्थानों, संसदीय समितियों और विधायिकाओं के कार्यों, उपलब्धियों तथा विधि निर्माण व क्रियान्वयन से जुड़े सभी पहलुओं की जानकारी रोचक स्वरूप में देश-विदेश के दर्शकों तक पंहुचा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि लोग पहले से अधिक सहजता के साथ सदन की कार्यवाही, जन प्रतिनिधियों के कार्य और उनके विचारों को देख-सुन पा रहे हैं, जिससे आम लोग, जन प्रतिनिधियों के प्रयासों और कार्यों के विषय में समझ विकसित कर पाते हैं और उनका तुलनात्मक विश्लेषण भी कर पाते हैं। संसद टीवी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम, युवाओं के लिए भारतीय लोकतंत्र की जीवंत व्यवस्था को समझने का बेहतरीन माध्यम हैं। ये कार्यक्रम युवाओं को लोकतांत्रिक संस्थानों और उनके कामकाज के साथ ही नागरिक कर्तव्यों के विषय में भी जानकारी देते हैं।


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