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भगत सिंह का साहस, शौर्य और राष्ट्रप्रेेम आज भी हमें देता है प्रेरणा: योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें याद करते हुये कहा कि भाररत के सच्चे सपूत का साहस, शौर्य और राष्ट्रप्रेम हमें आज भी प्रेरणा देता है।

भगत सिंह का साहस, शौर्य और राष्ट्रप्रेेम आज भी हमें देता है प्रेरणा: योगी
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें याद करते हुये कहा कि भाररत के सच्चे सपूत का साहस, शौर्य और राष्ट्रप्रेम हमें आज भी प्रेरणा देता है।

योगी ने ट्वीटकर कहा “भारत के सच्चे सपूत,जिनका साहस,शौर्य और राष्ट्रप्रेम आज भी हमें प्रेरित करता है। स्वाधीनता संग्राम में अतुलनीय योगदान देकर उन्होंने माँ भारती को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त करवाया ।
माँ भारती पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर शहीद भगत सिंह जी की जन्म जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन।”

जौनपुर से मिली रिपोर्ट के अनुसार सरांवा गाव में स्थित शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर आज हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकंन आर्मी व लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने देश के महान क्रांतिकारी एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का 112 वां जन्मदिन मनाया।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक मोमबत्ती व् अगरबत्ती जला कर उन्हें अपनी श्रंद्धाजलि दी ।
शहीद स्मारक पर उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए लक्ष्मीबाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि देश के महान क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को पंजाब प्रांत के लायलपुर जिले के बग्गा गाँव निवासी सरदार किशन सिंह के यहाँ हुआ था । देश की आज़ादी की लड़ाई में उन्होंने बढ़-चढ़ कर भाग लिया ।
उन्होंने कहा कि भगत सिंह का मानना था कि क्रान्ति का मतलब बम और पिस्तौल की संतुष्टि नही है । वे कहते थे कि पिस्तौल और बम इंकलाब नही लाते , इंकलाब की तलवार तो विचारों की शान पर तेज होती है । उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत कि नींव हिला देने वाले भगत सिंह , राजगुरु,और सुखदेव को अंग्रेजों ने 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी पर लटका दिया ।

मंजीत कौर ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक भगत सिंह को शहीद का दर्जा नही दिया गया ।उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वे भगत सिंह को शहीद का दर्जा प्रदान करें , ताकि लोग उन्हें शहीद-ए-आज़म कह सकें ।

इस अवसर पर धरम सिंह , मैनेजर पांडेय , अनिरुद्ध सिंह , मंजीत कौर ,दिशा सहित अनेक लोग मौजूद थे।


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