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देश के कॉरपोरेट शासन प्रणाली सोतषजनक ढंग से काम नहीं कर रही : सेबी

भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को देश के कॉरपोरेट शासन के मानकों पर चिंता जताते हुए कहा कि यहां संस्थागत निवेशकों के लिए आचार संहिता नहीं है

देश के कॉरपोरेट शासन प्रणाली सोतषजनक ढंग से काम नहीं कर रही : सेबी
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नई दिल्ली| भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को देश के कॉरपोरेट शासन के मानकों पर चिंता जताते हुए कहा कि यहां संस्थागत निवेशकों के लिए आचार संहिता नहीं है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष अजय त्यागी ने कहा, "क्या देश में कॉरपोरेट शासन प्रणाली सोतषजनक ढंग से काम कर रही है। अधिकांश लोग नहीं कहेंगे।"

भारतीय संदर्भ में कंपनी के स्वामित्व आधार के अनुरूप, "50 फीसदी स्वामित्व प्रमोटर्स के पास हैं, जबकि संस्थागत निवेश बढ़ रहा है, जो आजकल 30 फीसदी है।"

उन्होंने कहा, "यदि ये शेयरधारक हैं तो उनकी जवाबदेही क्या है? हमारी धारणा यह है प्रमोटर्स संस्थागत निवेशकों को अधिक तवज्जो देते हैं और यही सबसे दुखद है।" उन्होंने कहा, "सामान्य प्रबंधन संहिता की जरूरत है। बिना किसी सक्रिय इच्छा और जवाबदेही के संस्थागत हिस्सेदारी बढ़ाने से कॉरपोरेट शासन नहीं होता।"

त्यागी ने कहा, "कुछ गंभीर मुद्दे भी हैं, जिनका फिलहाल कोई समाधान नहीं है।" उन्होंने कहा कि देश में स्वतंत्र ऑडिटर्स कामकाज भी चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा, "यदि ऑडिटर्स की समिति कोई काम नहीं कर रही, स्वतंत्र निदेशक स्वतंत्र नहीं हैं और संस्थागत निवेशकों के लिए कोई आचार संहिता नहीं है तो साफ है कि व्यावस्था काम नहीं कर रही है।"


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