युद्ध की कीमत सबसे अधिक बच्चों को ही चुकानी पड़ती है: यूनिसेफ
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) का कहना है कि हिंसा का बच्चों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जो मौजूदा संघर्षो में या आत्मघाती हमलों में मारे जा रहे हैं या फिर युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भाग खड़े होन

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) का कहना है कि हिंसा का बच्चों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जो मौजूदा संघर्षो में या आत्मघाती हमलों में मारे जा रहे हैं या फिर युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भाग खड़े होने के दौरान मारे जाते हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मध्य पूर्व एवं उत्तरी अफ्रीका में यूनिसेफ के निदेशक ग्रीट कैपेलिएयरेने जनवरी महीने को युद्धग्रस्त मध्यपूर्व और उत्तरी अफ्रीका के लिए बुरा महीना बताया।
उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है कि हिंसा की घटनाओं में रोजाना बच्चे मर रहे हैं या घायल हो रहे हैं।
We collectively continue failing to stop the war on children!
— Geert Cappelaere (@gcappelaere) February 5, 2018
We have no justification. We have no reason to accept a new normal.#ChildrenUnderAttack https://t.co/X2IgzROGkj
सिर्फ जनवरी में ही इराक, लीबिया, फिलिस्तीन, सीरिया और यमन में हिंसा की वजह से कम से कम 83 बच्चों की मौत हो गई।
#ChildrenUnderAttack
— Geert Cappelaere (@gcappelaere) February 5, 2018
In the month of January alone, escalating violence in #Iraq, #Libya, State of #Palestine, #Syria + #Yemen has claimed the lives of at least 83 children.
It's simply unacceptable that children continue being killed & injured every single day.@UNICEFmena
उन्होंने बताया, "युद्ध की कीमत सबसे अधिक इन बच्चों को ही चुकानी पड़ती है, जबकि इनका इससे कोई लेनादेना भी नहीं है। कम उम्र में ही ये बच्चे मारे जा रहे हैं, इनके परिवार हमेशा के लिए दुख में डूब गए हैं।"
#Foreverychild, a friend.
— Geert Cappelaere (@gcappelaere) January 31, 2018
Four-year-olds Sidra and Asha hold hands in a camp for people displaced by conflict in #Iraq. @UNICEFiraq pic.twitter.com/dV7ZLNsdgo
कैपिलिएयरे ने कहा कि सीरिया में संघर्ष का यह आठवां साल है, इन संघर्षो में देश में बीते चार सप्ताह में 59 बच्चों की मौत हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र ने यमन में इन हमलों में 16 बच्चों के मारे जाने की पुष्टि की है और बढ़ रहे संघर्ष में रोजाना बच्चों के मरने या घायल होने की खबर आ रही है।


