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सभी चुनावों की लागत मोदी के आत्मप्रचार की राशि से कम : कांग्रेस

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि देश में सभी चुनावों का खर्च प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 'खुद के प्रचार' पर किए जाने वाले खर्च से कम है

सभी चुनावों की लागत मोदी के आत्मप्रचार की राशि से कम : कांग्रेस
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि देश में सभी चुनावों का खर्च प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 'खुद के प्रचार' पर किए जाने वाले खर्च से कम है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से करोड़ रुपये का राजस्व बचने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तर्क की कड़ी आलोचना की।

सिंघवी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी हमें यह दलील देते हैं कि एक साथ चुनाव होने पर करोड़ों रुपये बच जाएंगे। संसद की स्थायी समिति का अनुमान है कि लोकसभा व सभी विधानसभा चुनावों की पूरी लागत 4,500 करोड़ रुपये है।"

सिंघवी ने कहा, "हम उन्हें पहले खुद के प्रचार पर खर्च होने वाले सार्वजनिक धन 4,600 करोड़ रुपये के खर्च को रोकने की सलाह देंगे।"

मुंबई के एक कार्यकर्ता के आरटीआई के जवाब में मई में यह सामने आया था कि मोदी सरकार ने मई 2014 में सत्ता में आने के बाद 4,343 करोड़ रुपये प्रचार पर खर्च किए हैं।

यह धनराशि प्रिंट व इलेक्ट्रिानिक मीडिया और बाहर के विज्ञापनों पर खर्च की गई है।

इससे पहले एक आरटीआई जवाब में खुलासा हुआ था कि सरकार ने बीते साल अक्टूबर तक प्रचार पर 3,755 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ कराने के प्रस्ताव को खारिज करते हुए सिंघवी ने कहा कि 'एक आत्ममुग्ध और आत्मकेंद्रित मोदी सरकार का अबतक का यह एक और निर्थक सुझाव है।'

उन्होंने कहा, "संघवाद की अवधारणा हमारे संविधान व बहुदलीय संसदीय प्रणाली में अंतर्निहित है, अगर एक साथ चुनाव होते हैं तो यह लुप्त हो जाएगी। बड़ी पार्टियों को बड़े पदछाप के साथ प्रचार, खर्च में ज्यादा लाभ होगा और क्षेत्रीय पार्टियों की आवाज कोलाहल के बीच दब जाएगी।"

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव भारतीय लोकतंत्र की जड़ को प्रभावित करता है।


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