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बोर्ड की बहाली करने एव चुनाव कराने की मांग सहकारिता प्रकोष्ठ ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ एवं किसान मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में निर्वाचित बोर्ड के कार्यकाल को समाप्त कर नियम विरूद्ध पदस्थ किए गए समस्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्राधिकृत अधिकारियों को हटाकर पुन: बोर्ड की बहाली करने एवम् निर्वाचन की कार्यवाही प्रारंभ करने की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया

बोर्ड की बहाली करने एव चुनाव कराने की मांग सहकारिता प्रकोष्ठ ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
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रायपुर। भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ एवं किसान मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में निर्वाचित बोर्ड के कार्यकाल को समाप्त कर नियम विरूद्ध पदस्थ किए गए समस्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्राधिकृत अधिकारियों को हटाकर पुन: बोर्ड की बहाली करने एवम् निर्वाचन की कार्यवाही प्रारंभ करने की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन में बताया गया सन 2017 में निर्वाचित समस्त 1333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स/लैप्स) के बोर्ड को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सोसाइटियों के पुनर्गठन करने के नाम पर जुलाई 2019 को असंवैधानिक तरीके से भंग कर दिया गया था। अधिकांश सोसायटियों के द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई ।

माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नवंबर 2019 को बोर्ड की पुन: बहाली का आदेश जारी किया गया । इस प्रकार लगभग 4 माह तक अवैधानिक रूप से सोसाइटीयों के बोर्ड को भंग कर प्राधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई थी जो सर्वथा नियम विरुद्ध थी ।

सहकारिता अधिनियम के तहत उक्त अवधि की गणना सोसाइटी के बोर्ड के कार्यकाल में नियमानुसार नहीं जोड़ा जाना चाहिए था। किंतु सोसाइटीयों के निर्वाचन के प्रथम सम्मेलन की तारीख से 5 वर्ष व्यतीत होते ही बोर्ड के कार्यकाल के अवसान का उल्लेख करते हुए शासन द्वारा सोसाइटीयों में प्राधिकृत अधिकारियों को पदस्थ कर दिया गया। जबकि उपरोक्त कारणों से सर्भी 1333 सोसायटीयों के बोर्ड के कार्यकाल की अवधि का अवसान 4 माह पश्चात होना था। अत: 4 माह की अवधि के लिए तत्काल सोसाइटीयों के बोर्ड की बहाली सुनिश्चित कराने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।

तत्पश्चात निर्वाचन की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जानी चाहिए । इसी प्रकार सोसाइटियों के पुनर्गठन पश्चात प्रदेश में 725 नवीन सोसायटियां अस्तित्व में आई है। नवगठित सोसायटीयों का निर्वाचन 3 माह के अंतर्गत कराए जाने का अधिनियम में प्रावधान है किंतु 2 वर्ष से ज्यादा समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी आज तक निर्वाचन नहीं कराया जाना लोकतंत्र की हत्या के समान है।

वर्तमान में नियमों में संशोधन कर कांग्रेस के नुमाइदों को मनोनीत किया जा रहा है। उस पर रोक लगाकर तत्काल निर्वाचन कराए जाने हेतु निर्देशित करने का आग्रह किया गया। महामहिम राज्यपाल से प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने न्यायालय छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी अधिकरण, बिलासपुर के द्वारा पारित आदेश के कुल 06 प्रकरणों में पंजीयक सहकारी संस्थाएं के विरुद्ध की गई गंभीर टिप्पणी के प्रति ध्यान आकृष्ट कराया है।

जिसमे न्यायालय के निर्णयों में विशेष रूप से उल्लेखित किया गया है कि पंजीयक सहकारी संस्थाए अटल नगर इंद्रावती भवन एवं प्रभारी संयुक्त पंजीयक अंबिकापुर श्री एन कुजूर को मूल कानून मूल शक्ति मूल अधिकारिता का ज्ञान ही नहीं है। कानून का अज्ञानता गंभीर प्रकृति का कदाचरण है व न्याय सिद्धांत के अनुसार कानून का अज्ञानता क्षम्य नहीं है। ऐसे में ऐसे पद के अयोग्य हैं एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने योग्य है ।

श्री द्विवेदी ने राज्यपाल महोदया से उक्त अधिकारियों के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देशित करने का आग्रह किया है।इस दौरान भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ,द्वारिकेश पांडे सोमेश पांडे, विकास अग्रवाल, शिरीष तिवारी आदि उपस्थित थे ।


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