समय सीमा के भीतर होगा जेवर हवाई अड्डा का निर्माण
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव राजीव नयन चौबे ने मंगलवार को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण कार्यालय में जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की प्रगति को लेकर समीक्षा की

ग्रेटर नोएडा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव राजीव नयन चौबे ने मंगलवार को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण कार्यालय में जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की प्रगति को लेकर समीक्षा की।
हवाई अड्डे के प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों से एक-एक करके बार अब तक चल रही प्रगति के बारे में पूरी जानकारी ली। प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार व सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह ने सचिव के सामने अब तक एयरपोर्ट को लेकर चल रहे कार्यों का प्रस्तुति कर अब तक हुई पूरी प्रगति के बारे में अवगत कराया।
समीक्षा के दौरान सचिव राजीव नयन चौबे ने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण को लेकर सभी कार्य एक समय सीमा के भीतर पूरा होना चाहिए।
परियोजना से जुड़े सभी अधिकारी एक समय सीमा लेकर चले और उस समय सीमा के भीतर सभी कार्य पूरा करें। जिससे हवाई अड्डा का निर्माण हर हाल 2018 के अंत तक शुरू हो जाए। हवाई अड्डे का फेस-एक का निर्माण कार्य भी 2022 तक पूरा जाए। सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि सर्वोत्तम अभ्यास अध्ययन करके निविदा के दस्तावेज तैयार करें। एयरपोर्ट का टेक्नो आर्थिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने वाली पीडब्ल्यूसी के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि टीईएफआर को लेकर सर्वे का काम शुरू हो गया है। पर्यावरण आंकलन, परियोजना के समाजिक प्रभाव का आंकलन करके मास्टर प्लानिंग व निविदा दस्तावेज भी समय पर तैयार कर लिया जाएगा। मार्च तक हर हाल तक टीईएफआर को तैयार कर प्राधिकरण को सौंप देंगे।
समीक्षा के परियोजना के सभी पहलुओं पर जिसमें रनवे स्थिति, जमीन, निविदा दस्तावेज आदि पर चर्चा हुई। समीक्षा के सचिव ने प्राधिकरण के अध्यक्ष व सीईओ से कहा कि दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट से जेवर को जोड़ने अन्य कनेक्टिविटी के लिए मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट पर तेजी से काम शुरू किया जाए। इसके बाद सचिव ने प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार, सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ हवाई अड्डे के लिए प्रस्तावित साइट का भी निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्रालय के संयुक्त सचिव कुमार भी मौजूद रहें।
जेवर एयरपोर्ट को जून में मंजूरी मिली है, आठ माह में जेवर एयरपोर्ट परियोजना का काम काफी तेजी के साथ आगे बढ़ा है। पहले चरण के लिए 1327 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव भी प्रशासन को सौंप दिया गया है। इसके अलावा जमीन अधिग्रहण शुरू होने से पहले क्षेत्र के लोगों की परियेाजना के लिए प्रभाव का आकलन करने के लिए जीबीयू के शिक्षकों की टीम ने भी सर्वे का काम शुरू कर दिया है। 15 मार्च तक सर्वे का भी काम पूरा हो जाएगा।


