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बाघ की जीभ खींच कर अपनी जान बचाने वाले बहादुर लड़के की हालत बेहतर

गुरुग्राम में डॉक्टरों ने 17 साल के एक बहादुर लड़के का इलाज किया जो एक बाघ के हमले में बच गया था

बाघ की जीभ खींच कर अपनी जान बचाने वाले बहादुर लड़के की हालत बेहतर
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गुड़गांव। गुरुग्राम में डॉक्टरों ने 17 साल के एक बहादुर लड़के का इलाज किया जो एक बाघ के हमले में बच गया था। उसने बाघ की जीभ खींचकर अपने आप को बचाया।

उत्तराखंड का रहने वाला अंकित बीते नवंबर महीने में स्कूल से घर जा रहा था, तभी पेड़ पर बैठे एक बाघ ने उस पर हमला कर दिया। उसकी गर्दन और खोपड़ी को बाघ ने अपने मुंह से पकड़ लिया।

जब बाघ की पकड़ थोड़ी ढीली पड़ी, तो लड़के ने बहादुरी दिखाते हुए अपने दाहिने हाथ से उसकी जीभ खींच ली और अपनी जान बचा ली।

अंकित ने अपने बयान में कहा, "मेरा सिर बाघ के मुंह में था और मैंने उसकी जीभ खींच ली।"

बता दें कि चेहरा, गर्दन, खोपड़ी और दाहिना हाथ पर चोट लगने की वजह से अंकित को कई तरह की सर्जरी से गुजरना पड़ा है।

नजदीकी चिकित्सा सुविधा में स्थिर होने के बाद उसे मणिपाल अस्पताल, गुरुग्राम रेफर कर दिया गया।

बहुत ज्यादा खून बह जाने के कारण उसे अस्पताल में लाया गया, उस समय उसका हीमोग्लोबिन काउंट 3 था।

अस्पताल ने बयान में कहा, "उसकी खोपड़ी की हड्डी बाहर आ गई थी, उसका दाहिना कान लटक गया था, उसका चेहरा कट गया था और उसके दाहिने हाथ का अंगूठा आंशिक रूप से कट गया था।"

“गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल में प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जन आशीष ढींगरा ने कहा, "अंकित की स्थिति के लिए सर्जरी की आवश्यकता थी। हमने उसकी खोपड़ी और हाथ को बचाने के लिए कई सर्जरी की। अभी कुछ और सर्जरी की आवश्यकता होगी। अंकित सर्जरी और पोस्टऑपरेटिव चरण की पूरी प्रक्रिया में बहुत बहादुरी से सहयोग कर रहा है।"

अब चार महीने के बाद अंकित की हालत मे सुधार देखने को मिल रहा है। उसकी खोपड़ी, चेहरे और हाथ की चोटें ठीक हो गई हैं और वह "हर दिन बेहतर हो रहा है। अब उसने सामान्य जीवन जीना भी शुरू कर दिया है।"


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