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जी-20 के दौरान दिल्ली में कुछ बाज़ारों को बंद करने पर पुनर्विचार हो : कैट

जी 20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली में अत्यंत सुरक्षा प्रोटोकॉल की महत्त्वता एवं ज़रूरत से पूर्ण रूप से सहमत होते हुए कैट ने दिल्ली सरकार से राजधानी के कुछ भागों के बाज़ारों को बंद करने के निर्णय पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है

जी-20 के दौरान दिल्ली में कुछ बाज़ारों को बंद करने पर पुनर्विचार हो : कैट
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नई दिल्ली। जी 20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली में अत्यंत सुरक्षा प्रोटोकॉल की महत्त्वता एवं ज़रूरत से पूर्ण रूप से सहमत होते हुए कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने दिल्ली सरकार से राजधानी के कुछ भागों के बाज़ारों को बंद करने के निर्णय पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है।

कैट ने कहा है की इस निर्णय से पूरे विश्व में कोई नकारात्मक संदेश न जाए, उस पर अवश्य विचार किया जाना चाहिए । कैट ने दूसरी तरफ़ केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल तथा केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र भेजकर सुझाव दिया है की जी-20 सम्मेलन स्थल प्रगति मैदान के किसी एक हाल में एक व्यापारिक प्रदर्शनी आयोजित की जा सकती है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के विशिष्ट प्रमुख उत्पादों को प्रदर्शित किया जाए जिससे विदेश से आने वाले लोगों को पिछले नौ वर्षों में भारत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी आत्मनिर्भर भारत तथा मेड इन इंडिया के अन्तर्गत व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में हुई प्रगति एवं विभिन्न प्रकार के भारतीय उत्पादों से रूबरू कराया जा सके।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा है की इससे निश्चित रूप से देश के निर्यात व्यापार में बड़ी वृद्धि भी ही सकती है और आत्मनिर्भर भारत का एक बड़ा संदेश पूरी दुनिया को दिया जा सकता है जो विश्व की बड़ी कंपनियों को भारत में कारख़ाने लगाने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे समय में जब विश्व के सभी प्रमुख देशों के हज़ारों लोग दिल्ली में होंगे, यह समय भारत के व्यापार में वृद्धि करने में मददगार साबित हो सकता है और ऐसे में दिल्ली के सभी बाज़ारों को खुला रखना चाहिए और सुरक्षा के सभी आयामों पर कोई कोताही न बरतने के लिए सरकार को दिल्ली के व्यापारिक संगठनों से आग्रह करना चाहिए की वो सम्मेलन की अवधि के दौरान दिल्ली भर में अपने बाज़ारों में अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध करें, बाज़ारों में आने एवं जाने के रास्तों को सीमित किया जाए तथा आवश्यक रूप से मार्केट में आने वालों की पहचान के भी पुख़्ता प्रबंध हों तथा सफ़ाई एवं सुंदरता का विशेष ध्यान रखा जाए।

इस पर दिल्ली की सभी मार्केट एसोसिएशन पुलिस एवं अन्य सरकारी सुरक्षा एजेंसियों एवं अन्य निकायों का पूर्ण सहयोग करें । खुले हुए बाज़ार न केवल आये हुए मेहमानों बल्कि पूरे विश्व को भारत की व्यापारिक समृद्धि का संदेश देंगे । उन्होंने कहा की हमारी पुलिस व्यवस्था एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ पूर्ण रूप से सक्षम हैं और दिल्ली के लोग दिल्ली एवं देश की सर्वश्रेष्ठ झांकी पूरे विश्व को देने में हर प्रकार से तत्पर हैं ।सर्वश्री भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में सुरक्षा के मामले में कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए क्योंकि यह देश की प्रतिष्ठा का सवाल है किंतु यह भी सुनिश्चित हो की बाज़ारों को व्यापार करने के भी भरपूर अवसर मिलने चाहिए जिससे देश और अधिक आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके और उस महत्वपूर्ण आयोजन का पूरा लाभ देश की अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए उठाया जा सके।

उन्होंने सर्वश्री गोयल एवं जयशंकर को भेजे पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले वर्षों में भारत में जिस तेज़ी से मेड इन इंडिया के अन्तर्गत बड़ी प्रकार की वस्तुओं का निर्माण देश में शुरू हुआ है और इस क्षेत्र में बड़ी सफलताएँ अर्जित की हैं वो सम्मेलन के मौक़े पर आये विदेशी मेहमानों को दिखाना चाहिए जिससे भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को नये आयाम मिलें और देश के निर्यात व्यापार में नये अवसर उपलब्ध हों।

उन्होंने इस बारे में सुझाव दिया की वाणिज्य मंत्रालय प्रगति मैदान में ही एक विशिष्ट प्रदर्शनी का आयोजन करे जिसमें देश के सभी राज्यों के विशिष्ट उत्पाद प्रदर्शित किए जायें ।

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की देश के हर राज्य के अनेक शहरों के अपने मशहूर उत्पाद हैं ऐसे सभी उत्पादों को प्रदर्शित किए जाने से व्यापार में निश्चित वृद्धि होगी। उन्होंने इस संबंध में कहा की जैसे आसाम की चाय पत्ती, वाराणसी का कपड़ा और सिल्क, भदोई के कार्पेट, राजस्थान के सांगनेरी कला के उत्पाद, हैंडिक्राफ़्ट आइटम्स,पश्चिम बंगाल के जूट उत्पाद, बिहार की मैथिली कला के उत्पाद, गुजरात के वस्त्र, मध्य प्रदेश के हस्तशिल्प, महाराष्ट्र के फ़ैशन वस्त्र,खादी से बनी वस्तुएँ, झारखंड की आदिवासी कला के उत्पाद, उत्तर प्रदेश के पीतल के उत्पाद, दक्षिण भारत की विभिन्न प्रकार की मूर्तियाँ तथा हैंडिक्राफ़्ट आइटम्स,जैसे अन्य राज्यों के अनेक विशिष्ट उत्पादों सहित भारत में बने मोबाइल फ़ोन तथा अन्य टेक्नोलॉजी के उत्पाद, एफ़एमसीजी उत्पाद, चाँदी एवं सोने की ज्वैलरी, आर्टिफिशियल ज्वैलरी जैसे अनेक सामान की प्रदर्शनी लगाई जा सकती है जो भारत की अर्थव्यवस्था का सही दर्पण बनेगी।

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया की कैट इसमें सरकार का सहयोगी बनने के लिए तत्पर है।


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