Top
Begin typing your search above and press return to search.

शहर के स्पीड ब्रेकर बन रहे जानलेवा

शहर में अनियमितता स्पीड ब्रेकर शहरवासियों को गंभीर बीमारी की ओर ढकेल रहे है

शहर के स्पीड ब्रेकर बन रहे जानलेवा
X

नोएडा। शहर में अनियमितता स्पीड ब्रेकर शहरवासियों को गंभीर बीमारी की ओर ढकेल रहे है। यह हादसे की वजहों के साथ जानलेवा साबित हो रहे है। इसकी वजह मानकों के हिसाब से इनका निर्माण न हो। साथ ही सड़कों पर साइन बोर्ड नहीं लगा होना है। ऐसे में तेज गति वाहन अचानक स्पीड ब्रेकर की चपेट में आते है। ऐसे में पीछे से आने वाले वाहन के अलावा आगे चल रहे वाहन भी दुर्घटना ग्रस्त हो रहे है।

दरसअल, शहर में तेज रफ्तार दौड़ रहे वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए शहर में स्पीड ब्रेकर बनाए जाते है। अधिकांश ब्रेकर अस्पताल व स्कूलों के पास बनाए जाते है ताकि यहा गति को नियंत्रित कर हादसो को रोका जा सके। वहीं, सेक्टरों में ही इस वजह से स्पीड ब्रेकर बनाए गए है। लेकिन यहा बने अधिकांश ब्रेकर अनियमित है। मानकों का पालन नहीं किया गया। मानकों के मुताबिक ब्रेकर की लंबाई 3.7 मीटर व ऊंचाई करीब 0.1 मीटर होनी चाहिए। इनमें पेंट के साथ साइड में रिफ्लेक्टर होने चाहिए। लेकिन यहा बने अधिकांश ब्रेकर मानको का पालन नहीं कर रहे। वहीं, इन पर पेंट नहीं है।

जिससे दूर से यह दिखाई नहीं देते। ब्रेकर से करीब 50 से 100 मीटर पहले साइन बोर्ड लगा होना चाहिए लेकिन शहर में कुछ एक स्थानों के अलावा ऐसे साइन बोर्ड नहीं है। लिहाजा वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे है। वहीं, यह ब्रेकर लोगों को गंभीर बीमारी की ओर ढकेल रहे है। वरिष्ठ न्यूरो साइकोलाजिस्ट सुनील अवाना ने बताया कि ब्रेकर पर तेज गति से पार करने पर पूरा शरीर हिलता है।

इसका सीधा असर रीढ़ की हड्डी व पैल्विक ग्रिडल पर पड़ता है। यह मस्कलो स्कलटन जैसी बीमारी को दावत देती है। जिससे लोगों को बैठने व गर्दन मोड़ने में दिक्कत शुरू होती है। इसके बाद तेज दर्द। वहीं, स्पीड ब्रेकर पर तेज गति से वाहन निकलने पर सर के स्कल्टन में चोट लग सकती है। यह बाद में गंभीर रूप ले सकती है। ऐसे में ब्रेकरों पर सावधानी बेहद जरूरी है।

ये दे रहा हादसों को दावत

सेक्टर-47 के अलावा सेक्टर-12, 51 के अलावा कई अन्य सेक्टरों में स्पीड ब्रेकर तो बने है। लेकिन यहा पेंट व रेफ्लेक्टर नहीं लगे है। न ही साइन बोर्ड लगे है। अकेले सेक्टर-47 में करीब एक दर्जन बार दुर्घटना हो चुकी है। जिसमे वाहनों के साथ चालक गंभीर रूप से घायल हो चुके है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it