शहर व गांव की खाई डिजिटल क्रांति से पट सकती है: डॉ अवस्थी
किसानों के बीच काम करने वाली विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी का कहना है कि डिजिटल क्रांति से शहर और गांव की खाई को पाटा जा सकता है

नयी दिल्ली। किसानों के बीच काम करने वाली विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी का कहना है कि डिजिटल क्रांति से शहर और गांव की खाई को पाटा जा सकता है तथा गांव का किसान और नौजवान अपना जीवनस्तर सुधारने में बड़ी छलांग लगा सकता है, उर्वरक उद्याेग पचास वर्ष पूरे करने वाले अवस्थी ने बातचीत में कहा कि इफको के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के तहत इस वर्ष उन्होंने देश के एक सौ से अधिक शहरों का दौरा किया और पाया कि शहरों और गांवों में रहने वाले लोगों के बीच एक खाई है जिसे डिजिटल क्रांति से भरा जा सकता है, अगर गांव के किसान और नौजवान स्मार्टफोन के जरिए दुनिया से जोड़ दिए जाएं तो वो सिर्फ खेत में नहीं, खेत के बाहर भी अपने जीवन स्तर को सुधारने में बड़ी छलांग लगा सकते हैं, इसी को ध्यान में रखकर इफको ने किसानों के लिए एक ऐसा डिजिटल मंच तैयार किया है।
जहां किसान सिर्फ खेती का सामान नहीं खरीदते बल्कि अपना सामान बेचने का विज्ञापन भी दे सकते हैं और दूसरा जरूरतमंद किसान या ग्राहक उसे खरीद सकता है, हमें जमीनी हकीकत पता है कि बहुत सारे किसान बहुत लिख नहीं सकते इसलिए हमने आवाज सुनकर उनकी जरूरत को अनुवाद करने की व्यवस्था की है।
जो किसानों की बात को 80 फीसदी से ज्यादा सही तरीके से पकड़ रहा है, उन्होंने कहा कि हमारे इंडियन डिजिटल कोआपरेटिव प्लेटफॉर्म का मकसद है कि गांव का जो किसान लिखना नहीं जानता , मोबाइल चलाना नहीं जानता वह भी मोबाइल उठाए, फोटो देखकर बटन दबाए और अपनी बात कहकर समस्या का समाधान पा ले, ये सब जब होगा तो ग्रामीण भारत की सूरत और हालत दोनों बदलेगी, गांव बदलेगा, गांव सबल होगा तो देश मजबूत होगा, यह संयोग ही है कि उर्वरक का उत्पादन और विपणन करने वाली संस्था इफको के पचास वर्ष पूरे होने के साथ श्री अवस्थी ने उर्वरक उद्योग में पांच दशक पूरे किये हैं।
श्रीराम फर्टिलाइजर में ट्रेनी इंजीनियर के रुप में 1966 में अपना कैरियर शुरु करने वाले श्री अवस्थी 1976 में परियोजना अधिकारी के रुप में इफको से जुड़े तथा 1993 से संस्था के प्रबंध निदेशक के रुप में कार्य कर रहे है, इस दौरान इफको ने तेजी से प्रगति की और न केवल देश में बल्कि देश से बाहर एक ब्रांड के रुप में स्थापित हुयी है, श्री अवस्थी ने कहा कि बतौर प्रबंध निदेशक सबसे बड़ी चुनौती कर्मचारियों और समितियों की खाई पाटने , कर्ज देने वाले बैंकों की दखलअंदाजी बंद करने , नई तकनीक को इफको में लाने और उसके लिए लोगों को तैयार करने की थी, कारखानों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की भी चुनौती थी।
उन्होंने कहा कि आज संतोष मिलता है जब मीडिया वाले तथा अन्य लोग कहते हैं कि इफको तो बहुत बड़ा ब्रांड है, वह देश की सबसे बड़ी सोसाइटी है, यही ध्येय था जो पूरा हो गया, यह सब सुनकर सुकून मिलता है, उन्होंने कहा कि शुरु से ही उनका लक्ष्य था कि इफको का झंडा ऊंचा रहे क्योंकि इस देश के किसानों का झंडा ऊंचा है, देश में सहकारिता का झंडा ऊंचा है।


