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कोरोना के खिलाफ जंग में बच्चे ने तोड़ दी गुल्लक

। कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए हर कोई आतुर है, पीड़ितों की मदद के लिए कदम बढ़ा रहे हैं

कोरोना के खिलाफ जंग में बच्चे ने तोड़ दी गुल्लक
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रायपुर । कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए हर कोई आतुर है, पीड़ितों की मदद के लिए कदम बढ़ा रहे हैं, इतना ही नहीं हर स्तर पर मदद करके इस महामारी को परास्त करना चाह रहा है। छत्तीसगढ़ में तो एक बच्चे ने भी अपनी गुल्लक में जमा रकम को मुख्यमंत्री सहायता कोष को भेजी है। क्या बूढ़े, क्या जवान और क्या बच्चे। सभी के मन मस्तिष्क में इन दिनों कोरोना महामारी छाई हुई है और सभी जल्दी से जल्दी इससे मुक्ति चाहता है। इसके लिए वे यथा संभव मदद भी कर रहे हैं। यही कारण है कि सरकारी स्तर पर जारी बीमारी को रोकने के प्रयास हो रहे हैं तो सामाज के लोग भी बीमारी की रोकथाम के लिए जनजागरण अभियान चलाने के साथ मदद करने में पीछे नहीं हैं।

कोरोना के खिलाफ जारी जंग और मदद के लिए हाथ बढ़ाने में कोई पीछे नहीं है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के सात साल के मास्टर ईशान अग्रवाल ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है। महज सात साल के ईशान ने अपनी गुल्लक में जमा रकम कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में देने का फैसला लिया। उन्होंने स्वस्फूर्त होकर अपने गुल्लक में जमा की गई सारी राशि 911 रुपये कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम व जरूरतमंदों की सहायता के लिए 'मुख्यमंत्री सहायता कोष' में दान की है। इनका यह सहयोग इस बात का संकेत देता है कि 'देश का भविष्य' वर्तमान के संकट से लड़ने के लिए अभी से तैयार है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बच्चे की पहल को अनुकरणीय बताया। उन्होंने पौराणिक दृष्टांत का उल्लेख करते हुए कहा कि बुराई पर जीत के लिए श्री राम सेतु निर्माण में नल और नील के विज्ञान और रेत के दानों को इकट्ठा करती गिलहरी के 'योगदान' दोनों को बराबर माना गया है। संकट की घड़ी में इस बच्चे का योगदान हम सभी के लिए प्रेरणास्पद है। उन्होंने मास्टर ईशान को ढेर सारा आशीर्वाद और प्यार भी दिया।


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