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बिहार कांग्रेस में बदलाव की सुगबुगाहट एक बार फिर हुई शुरु

बिहार कांग्रेस में बदलाव की सुगबुगाहट एक बार फिर से प्रारंभ हो गई है

बिहार कांग्रेस में बदलाव की सुगबुगाहट एक बार फिर हुई शुरु
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पटना। बिहार कांग्रेस में बदलाव की सुगबुगाहट एक बार फिर से प्रारंभ हो गई है। इस बीच, पार्टी में छह कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की भी मांग उठने लगी है। पार्टी के कई बडे नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पाने को लेकर जोडतोड में जुटे हुए हैे।

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन के बाद से ही पार्टी में बदलाव के कयास लगाए जाते रहे हैं। इस बीच, हालांकि पार्टी ने बिहार प्रभारी को बदलकर भक्त चरण दास को प्रदेश प्रभारी का जिम्मा दिया है।

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल होकर 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन महज 19 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। इस प्रदर्शन के बाद से ही संगठन में बदलाव के आसार बनने लगे थे। पार्टी में टिकट बंटवारा को लेकर भी विरोध के स्वर उभरे थे।

माना जा रहा है कि बिहार अध्यक्ष के बदलाव को लेकर प्रदेश प्रभारी भक्तचरण दास की रिपोर्ट अहम मानी जाएगी। दास प्रभारी बनने के बाद राज्य के सभी जिलों में जाकर कायकतार्ओं से मुलाकात कर चुके हैं तथा उनकी मंशा को भांप चुके हैं। कई जिलों में दास को कार्यकतार्ओं का विरोध का सामना भी करना पड़ा।

इसके बाद दास ने सभी विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर अध्यक्ष पद के लिए उनकी राय ले चुके हैंे।

कांग्रेस के पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार ने आईएएनएएस को बताया, '' जैसी चर्चा है उसके मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष बदलना तय है। ऐसे में कई नेता अध्यक्ष बनने के योग्य हैं। प्रदेश प्रभारी भी अपने पिछले बिहार दौरे में इसके संकेत दे चुके हैं। ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को ही तय करना है कि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसे सौपी जाए।''

प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का कार्यकाल इस साल समाप्त होने वाला है। इसके बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति होगी।

इधर, कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ऐसे चेहरे के तलाश में है जो न केवल पार्टी के अंदरूनी फूट को एकजुट कर सके बल्कि अध्यक्ष सर्वमान्य हो। इसके अलावे अध्यक्ष पद के जरिए सभी जाति समीकरणों को भी साधने की कोशिश की जाएगी।

कांग्रेस की बिहार में ऐसी स्थिति नहीं कि वे राजद से अलग होकर चुनाव लड सके। ऐसी स्थिति में पार्टी अध्यक्ष के लिए ऐसे चेहरे पर दांव लगाएगी जिसका संबंध राजद से भी बेहतर हो।

इधर, बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने छह कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की मांग कर दी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि प्रदेश अध्यक्ष किसी वर्ग का हो, कार्यकारी अध्यक्ष के पदों पर सबकी भागीदारी होनी चाहिए।

शर्मा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन में कार्यकारी अध्यक्ष की सूची में पिछली बार किसी महिला, पिछड़ी या अति पिछड़ी जाति के किसी प्रतिनिधि को जगह नहीं मिली थी।


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