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मनरेगा मजदूरी से जीएसटी काटने का फैसला वापस ले केंद्र सरकार: माकपा

मार्क्सवादी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मनरेगा मजदूरी से जीएसटी काटे जाने के केंद्र सरकार के आदेश की तीखी निंदा की है और इस आदेश को वापस लेने की मांग की है

मनरेगा मजदूरी से जीएसटी काटने का फैसला वापस ले केंद्र सरकार: माकपा
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जब छत्तीसगढ़ सूखे और कृषि संकट से जूझ रहा है, किसान आत्महत्या और पलायन कर रहे हैं और रमन-मोदी सरकार केवल जुमलेबाजीकर रही है

रायपुर। मार्क्सवादी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मनरेगा मजदूरी से जीएसटी काटे जाने के केंद्र सरकार के आदेश की तीखी निंदा की है और इस आदेश को वापस लेने की मांग की है। पार्टी ने अपने बयान के साथ इस आदेश की प्रतिलिपि भी संलग्न की है।

आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिवमंडल ने कहा है कि केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने 11 सितम्बर को सभी राज्यों को आदेश दिया था कि जीएसटी संबंधी प्रावधानों को शामिल करते हुए मनरेगा सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जाये। इस आदेश के परिपालन में छत्तीसगढ़ सरकार ने मनरेगा मजदूरी से जीएसटी की कटौती शुरू कर दी है। धमतरी के कुरूद क्षेत्र के किसानों ने कलेक्टर को जनदर्शन में इसकी शिकायत भी की है।

माकपा ने अपने बयान में कहा है कि उस समय जबकि छत्तीसगढ़ सूखे और कृषि संकट से जूझ रहा है, किसान आत्महत्या और पलायन कर रहे हैं और रमन-मोदी सरकार केवल ‘जुमलेबाजी’ कर रही है, यह आदेश किसानों और ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को और खराब करेगा और उनकी क्रय शक्ति में गिरावट लाएगा। यह आदेश दिखता है कि रमन-मोदी सरकार वास्तव में किसानों के प्रति कितनी ‘संवेदनहीन’ है।

माकपा ने रेखांकित किया है कि एक ओर तो मनरेगा मजदूरी घोषित न्यूनतम मजदूरी से भी कम है और जो मजदूरी बनती भी है, उसके भी पूरे मिलने की गारंटी नहीं होती, ऐसा आदेश मजदूरों की जेब में डाका डालने वाला और सरासर धोखाधड़ी भरा है।


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