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सेना प्रमुख का बयान केंद्र की ‘जीरो टालरेंस’ नीति के अनुरुप : रिजिजू

रिजिजू ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के सेना प्रमुख बिपिन रावत के बयान का स्वागत करते हुए कहा है कि यह आतंकवाद के खिलाफ केन्द्र की ‘जीरो टालरेंस’ नीति के अनुरुप है।

सेना प्रमुख का बयान केंद्र की ‘जीरो टालरेंस’ नीति के अनुरुप : रिजिजू
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नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के सेना प्रमुख बिपिन रावत के बयान का स्वागत करते हुए कहा है कि यह आतंकवाद के खिलाफ केन्द्र की ‘जीरो टालरेंस’ नीति के अनुरुप है।

रिजिजू ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि सेना प्रमुख ने जो कुछ कहा है वह राष्ट्र हित को देखते हुए है क्योंकि राष्ट्रहित सर्वोपरि है और जो भी इसके खिलाफ काम करेेगा उसे यह समझा जाएगा कि उसने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया है।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई में अड़चनें पैदा करने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कल कहा था कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल ज्यादा हताहत इसलिए हो रहे हैं क्योंकि स्थानीय लोग उनके अभियान में बाधा डालते हैं और ‘कई बार आतंकवादियों के भागने में मदद करते हैं।

उन्हाेंने कहा था,‘‘हम स्थानीय लोगों से आग्रह करेंगे कि जिन लोगों ने हथियार उठाए हैं और यदि वे स्थानीय लड़के हैं और अगर वे आईएस और पाकिस्तान के झंडे लहराकर आतंकवादी कृत्य करना चाहते हैं तो हम उनको राष्ट्र विरोधी तत्व मानेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।

आज हो सकता है कि वे बच जाएं लेकिन कल हम उन्हें पकड़ ही लेंगे। हमारा अनवरत अभियान जारी रहेगा।’’ सेना प्रमुख की ओर से यह सख्त संदेश बांदीपुरा के पारे मोहल्ला में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान के दौरान तीन सैनिकों पर भारी पथराव किए जाने के बाद आया था।

सेना प्रमुख कश्मीर में मंगलवार को अलग-अलग मुठभेड़ में शहीद हुए एक मेजर सहित चार सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के अवसर पर कल यहां बोल रहे थे। रिजिजू के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने भी सेना प्रमुख के बयान का समर्थन करते हुए आज कहा कि सेना पूरी निष्ठा अौर समर्पण के साथ देश की सेवा कर रही है।

देशवासी चैन की नींद इसलिए सो पा रहे हैं क्याेंकि सैनिक सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। ‘‘उनका हम पर बड़ा कर्ज है।” ऐसे में उन्हें स्वविवेक से अपने कर्तव्यों के निर्वहन की पूरी छूट होनी चाहिए। इसमें बाधा डालना सही नहीं है।


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