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जिस सीडी का है बबाल, उसमें छुपा है क्या धमाल, आइए जानते हैं...
हनी ट्रेप कांड में 100 से अधिक सेक्स वीडियो मिले। जिनमें 20 से ज्यादा IAS, IPS अफसरों के साथ नेताओं के भी वीडियो हैं। इन महिलाओं ने एक पूर्व मुख्यमंत्री, दो मंत्री, तीन पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, 14 IAS अफसर, 9 IPS अफसरों को अपना शिकार बनाया है।

गजेन्द्र इंगले
भोपाल: मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में आजकल सीडी कांड को लेकर बबाल मंचा हुआ है। या यू कहें कि सीडी कांड का जिन बाहर आने को हे। सीडी को लेकर कांग्रेस भाजपा आमने सामने है। लेकिन इस सीडी में ऐसा है क्या और क्या था यह पूरा सीडी मामला आइए इसे समझने के लिए हम चलते हैं फ्लेशबैक 2018 में जब हनी ट्रेप कांड ने न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश के सियासत में हलचल पैदा करदी थी।
2018 में मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। 17 सितंबर, 2019 को इंदौर नगर निगम के तत्कालीन इंजीनियर हरभजन सिंह पलासिया पुलिस थाने पहुंचे। वहां, उन्होंने पुलिस को जो बताया वह चोंकाने वाला था और वहीं से हनी ट्रैप की परतें खुलना शुरू हुईं। हरभजन ने बताया कि महिलाएं उसे अश्लील वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल करके उनसे तीन करोड़ रुपये मांग रही हैं।
पुलिस ने ब्लैकमेल करने वाली भोपाल की एक महिला को अपनी गिरफ्त में लिया, तब पुलिस को पता नहीं था कि यह तो महज एक मछली है। पुलिस को किंचड मे छिपे बैठे मगरमच्छ के बारे में कोई अंदाजा नहीं था। बाद में पुलिस ने पता लगाया कि आरोपी महिला का पति और निगम इंजीनियर हरभजन अच्छे दोस्त थे।
जानिए सीडी कांड का नंगा सच
महिला ने नौकरी दिलाने के बहाने एक 18 साल की छात्रा से इंजीनियर की दोस्ती करवा दी। इसके बाद फिर होटल में छात्रा ने मोबाइल फोन से इंजीनियर और महिला के सेक्स वीडियो बना लिया। वीडियो बनाने के बाद छात्रा, ने महिला और इंजीनियर को ब्लैकमेल किया। यह सिलसिला 8 महीने चला। परेशान इंजीनियर पुलिस के पास चला गया। पुलिस ने इंजीनियर से फोन करवाया और महिला को 50 लाख रुपये लेने इंदौर बुलाया। 17 अक्टूबर 2019 को महिला कार में छात्रा के साथ पहुंची। वहीं, पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया।
पुलिस के आगे फिर जो खुलासे हुए वह देशभर की राजनीति में खलबली मचाने वाले थे। इस महिला ने भोपाल की कुछ अन्य युवतियों का नाम उगल दिया। इंदौर एटीएस की टीम भोपाल पहुंची और भोपाल पुलिस की मदद से मिनाल रेसीडेंसी, रेवेरा टाउनशिप, कोटरा से तीन अलग-अलग महिलाओं को हिरासत में लिया। इन महिलाओं के नाम 29 वर्षीय आरती दयाल, श्वेता स्वपनिल जैन, श्वेता विजय जैन।
18 अक्टूबर को 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया। धीरे धीरे मामले में कींचड़ में छुपे मगरमच्छों के नाम खुलने लगे। मामले में कुल पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया था। जो हनीट्रैप के जरिए अधिकारी, नेता, कारोबारी और रसूखदारों को फंसा कर उनसे मोटी रकम ऐंठते थे। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी कई पुलिस अफसरों को तबादला भी किया गया। कमलनाथ सरकार ने अपने पसंद के अधिकारियों से गोपनीय जांच कराई।
हनीट्रैप गैंग ने ब्लैकमेलिंग करके करोड़ों रुपए जमा किए। इनके पास 100 से अधिक सेक्स वीडियो मिले। जिनमें 20 से ज्यादा IAS, IPS अफसरों के साथ नेताओं के भी वीडियो हैं। इन महिलाओं ने एक पूर्व मुख्यमंत्री, दो मंत्री, तीन पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, 14 IAS अफसर, 9 IPS अफसरों को अपना शिकार बनाया है। हालांकि इनमें से एक—दो नेताओं और दो अफसरों के वीडियो ही लीक हुए। अचानक ही इस बहु चर्चित हनी ट्रेप को दबाने के हर सम्भव प्रयास होने लगे। सफेदपोश किस तरह सेक्स और कामुकता के अंधे कुएं में डूबे थे वह हकीकत पूरी तरह जनता के सामने आने से पहले ही गायब कर दी गई।
लेकिन जितनी हकीकत मीडिया में आई उससे साफ था कि युवतियों के उपयोग बड़े बड़े नेता अधिकारियों को ब्लैकमेल करने के लिए किया जा रहा था। यह एक बहुत बड़ा स्कैम था। और इसमें जो कथित अश्लील वीडियो जब्त हुए उसमें कई सफेदपोश माननीयों का काला चेहरा सामने आ सकता था। शायद पक्ष विपक्ष की रजामंदी से उस समय सिस्टम की यह कालिख कहीं दबा दी गई। कमलनाथ सरकार को ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने की वजह से जाना पड़ा। शिवराज सरकार आई तो पता नहीं सीडी का जिन्न किस चिराग में जा छिपा?
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