अतिरिक्त मुआवजा लेकर बिल्डर ने प्राधिकरण को नहीं किया भुगतान
खारिज होते ही इन बिल्डरों के जितने एरिया में प्रोजेक्ट बने हैं, उसे छोड़कर बाकी आवंटन निरस्त करेगा

ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण एरिया में कई ऐसे बिल्डर सामने आए हैं, जिन्होंने अतिरिक्त मुआवजे की धनराशि खरीदारों से तो ले ली, लेकिन यमुना प्राधिकरण में जमा नहीं की। अतिरिक्त मुआवजे की राशि के लिए यीडा की तरफ से जारी मांग पत्र पर कोर्ट से स्टे भी ले रखा है।
अब यीडा ने खरीदारों से ली गई रकम का हवाला देते हुए कोर्ट से स्टे खारिज कराने के लिए पैरवी करेगा। खारिज होते ही इन बिल्डरों के जितने एरिया में प्रोजेक्ट बने हैं, उसे छोड़कर बाकी आवंटन निरस्त करेगा।
दरअसल, यीडा ने ग्रुप हाउसिंग के 13 व टाउनशिप के सात भूखंड आवंटित किए थे। इसमें से तीन ने भूखंड सरेंडर भी कर दिए। अब ग्रुप हाउसिंग व टाउनशिप के 17 भूखंड बचे हैं।
इन बिल्डरों ने प्लॉट को टुकड़े करके बेचे हैं। ऐसे करीब 11 बिल्डर हैं। कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार ने 64.7 फीसदी रकम देने का शासनादेश पिछली सरकार में ही जारी किया था। उसकी भरपाई आवंटियों से करने का प्रावधान बना दिया। प्राधिकरण ने अपने एरिया के किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए बिल्डरों को मांग पत्र भेजा।
बिल्डरों पर करीब 1500 करोड़ बकाया है। अधिकतर बिल्डरों ने प्राधिकरण से प्लॉट पर पजेशन न मिलने की बात कहकर कोर्ट से स्टे ले लिया। इनमें से कम से कम तीन बिल्डर ऐसे हैं, जिन्होंने प्रोजेक्ट भी पूरे कर लिए और अतिरिक्त मुआवजा राशि भी नहीं दे रहे। यीडा को पता चला है कि इन बिल्डरों ने खरीदारों से भी रिकवरी कर ली है, फिर भी यीडा को पैसा नहीं दे रहे।
अगर अतिरिक्त मुआवजे की रकम जमा कर दें तो यीडा से कंपलीशन सर्टिफिकेट मिल जाएगा और इनमें करीब दो हजार फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री हो सकेगी।
यीडा ने इसी आधार पर यीडा स्टे को खारिज कराने के लिए कोर्ट में पैरवी करेगा और अगर कोर्ट से स्टे खारिज होता है तो 64.7 फीसदी रकम न देने वाले बिल्डरों का आवंटन निरस्त करेगा।
हालांकि जितने एरिया पर प्रोजेक्ट बन गए हैं उसे रहने देगा।
इन बिल्डरों ने रेरा में भी प्लॉट पर पजेशन न मिलने की शिकायत की है, जिस पर रेरा ने यीडा से बिल्डरों को शीघ्र पजेशन देने को कहा है।
यीडा कल से ला रहा आवासीय भूखंडों की योजना
ग्रेटर नोएडा। दिल्ली-एनसीआर में आशियाना की चाहत रखने वालों के लिए खुशखबरी है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास नवरात्र पर भूखंडों की योजना ला रहा है।
खास बात यह है कि जिस जमीन पर प्राधिकरण योजना ला रहा है उस जमीन पर प्राधिकरण कब्जा ले चुका है। उन सेक्टरों में आतंरिक विकास कार्य भी शुरू कर दिया है। यमुना प्राधिकरण गुरुवार को अपनी आवासीय योजना लांच करेगा। योजना 120 से 500 मीटर तक के भूखंडों की है।
ये भूखंड जेवर एयरपोर्ट के नजदीक के सेक्टरों में हैं। प्राधिकरण ने आवासीय भूखंडों की दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। प्राधिकरण ने भूखंडों की दर सन 2016 वाली ही यथावत रखी है।
गुरुवार से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इस योजना में 120 मीटर के 600, 162 मीटर के 600, 200 मीटर के 09, 300 मीटर के 404 और 500 मीटर के 18 भूखंड हैं।
भूखंडों की दर 2016 वाली ही रखी गई है। ये भूखंड सेक्टर-17, 18, 20 और 22 डी में हैं। 15620 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर रखी गई है। प्राधिकरण का दावा है कि सभी भूखंडों पर 2019 तक कब्जा दे दिया जाएगा। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि गुरुवार को योजना लांच की जाएगी। इसके अलावा कुछ चुनिंदा बैंकों में योजना के फार्म मिलेंगे। भूखंड लगभग तैयार हैं।
अगले साल दिसंबर 2019 तक सभी को कब्जा दे दिया जाएगा। योजना का ड्रा इसी साल 11 दिसबंर को निकाला जाएगा। भूखंडों का ड्रा मैनुअल निकाला जाएगा।
ड्रा के दौरान पूरी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए स्कूली बच्चों से भूखंडों की पर्ची निकाली जा रही है। ड्रा का विडियो ग्राफी कराया जाएगा।


