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तृणमूल कांग्रेस में घर वापसी को लेकर शुरु हुआ मंथन

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत से गदगद तृणमूल में कई नेताओं के घर वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं

तृणमूल कांग्रेस में घर वापसी को लेकर शुरु हुआ मंथन
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत से गदगद तृणमूल में कई नेताओं के घर वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के तृणमूल कांग्रेस में लौटने की अटकलों के बीच ममता बनर्जी की पार्टी विधानसभा चुनाव में अपने सफल कार्यकाल के बाद शनिवार को पहली बार बैठक कर रही है।

इस बैठक में प्रमुख रूप से जो दो प्रमुख मुद्दे सामने आएंगे, वो हैं तृणमूल-बदलाव वाले लोगों की 'घर-वापसी' और महत्वपूर्ण उपचुनावों में पार्टी की रणनीति। बैठक की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री कर सकती हैं।

बैठक में अभिषेक बनर्जी और रणनीतिकार प्रशांत किशोर समेत सभी वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है। कुछ नेताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कुछ नए चेहरों को समायोजित करने के लिए पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकायों में फेरबदल किया जाएगा। हालांकि इस पर औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

पार्टी के सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता जो चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए, वापस आने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।

इन सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि कोई समान नीति नहीं होगी बल्कि नेताओं की वापसी का फैसला केस-टू-केस के आधार पर किया जाएगा।

तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हम नेता के हर पहलू पर विचार करेंगे और उस व्यक्ति को फिर से पार्टी की छत्रछाया में लौटने की अनुमति देने से पहले स्थानीय नेताओं की राय भी लेंगे।"

तृणमूल के सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि हाई वोल्टेज चुनावों ने इन दलबदलुओं और स्थानीय कार्यकतार्ओं के बीच विश्वास की कमी पैदा की है।

पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा पेश किए गए एक नेता-एक पद के फॉमूर्ले के प्रस्ताव पर भी चर्चा कर सकती है, जिसमें मंत्री पद और प्रशासनिक जिम्मेदारियों वाले नेताओं को उनकी पार्टी की भूमिकाओं से मुक्त करने का प्रावधान रखा गया है।

मुकुल रॉय के अलावा, ऐसे कई भाजपा नेता हैं जिन्होंने पार्टी में वापस आने की इच्छा व्यक्त की है।

विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट ना मिलने पर पार्टी छोड़ने वाली सोनाली गुहा ने कहा कि उन्होंने अत्यधिक भावनाओं और गुस्से में पार्टी छोड़ दी थी। अब उन्हें एहसास हुआ है कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है।

मुख्यमंत्री को एक इमोशनल ट्वीट कर टीएमसी के पूर्व विधायक ने लिखा, "भाजपा में पानी से बाहर एक मछली की तरह वह महसूस करती है। वह भाजपा के साथ फिट नहीं हो सकती। वह बनर्जी के बिना नहीं रह सकती है और अगर मुख्यमंत्री उन्हें माफ नहीं करेंगी, तो वह खत्म हो जाएंगी।"

टीएमसी में फिर से शामिल होने की इच्छा व्यक्त करते हुए विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर ने लिखा, "मुझे अपने खेमे में ले लो और मुझे आपके मार्गदर्शन और आशीर्वाद के तहत अपना शेष जीवन जीने की अनुमति दें।"

हबीबपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए टिकट आवंटित की गई सरला मुर्मू ने मार्च में पार्टी छोड़ दी थी और यह आरोप लगाते हुए भाजपा में शामिल हो गईं थी कि जिला नेतृत्व उन्हें काम नहीं करने दे रहा है। हालांकि पार्टी के सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पार्टी इसलिए छोड़ी क्योंकि वह मालदा साउथ से चुनाव लड़ना चाहती थीं।

मुर्मू ने रविवार को बनर्जी को एक पत्र लिखकर पार्टी में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की। हालांकि, पार्टी की ओर से अभी तक इस पत्र की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

कई लोग हैं जो वापस आना चाहते हैं, जिनमें 6 विधायक और 3 सांसद शामिल हैं।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "जब पार्टी मुश्किल में थी तब उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और अब वे वापस आना चाहते हैं। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि इस मुद्दे पर कोई नीतिगत फैसला नहीं हुआ है।"

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने साथ ही यह भी कहा, "पार्टी इन लोगों का भविष्य तय करेगी।"

'घर-वापसी' मुद्दे के अलावा ममता बनर्जी से भी उपचुनाव के मुद्दे पर प्रकाश डालने की उम्मीद है। शोभंडेब चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है ।

पार्टी ने कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है कि बनर्जी अपनी पुरानी भवानीपुर सीट से फिर से चुनाव लड़ेंगी। इसी तरह, कोविड से मौत और दो भाजपा सांसदों निसिथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार के विधायकों के इस्तीफे से उपचुनाव के लिए पांच विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं।


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