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भू-जल का संरक्षण सबसे बड़ी चुनौती : उमा

कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ राज्य को आज भू-जल के क्षेत्र में प्रशिक्षण और अनुसंधान कार्य करने वाले एक राष्ट्रीय संस्थान की सौगात मिली है।

भू-जल का संरक्षण सबसे बड़ी चुनौती : उमा
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रायपुर। कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ राज्य को आज भू-जल के क्षेत्र में प्रशिक्षण और अनुसंधान कार्य करने वाले एक राष्ट्रीय संस्थान की सौगात मिली है। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने नया रायपुर के तूता गांव के नजदीक राजीव गांधी राष्ट्रीय भू-जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान का शिलान्यास किया।

उन्होंने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि जमीन के अंदर के पानी का संरक्षण करना और साफ-सुथरा बनाए रखना आज की सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। इसके लिए हमें तीन स्तरों पर कार्य करना होगा। सबसे पहले बरसात के पानी को संचित करना होगा, उसके बाद संचित पानी को जमीन के अंदर ले जाना होगा और इस पानी को प्रदूषण रहित बनाना होगा। सुश्री उमा भारती ने कहा कि लोगों का कहना है कि तीसरा युद्ध पानी के लिए होगा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और राज्यों की सरकारें मिलकर भू-जल संरक्षण के लिए ऐसा कार्य करेंगी कि हमारे देश में पानी के लिए कोई युद्ध न हो।

समारोह में लोकसभा सांसद रमेश बैस, राज्यसभा सांसद डॉ. भूषणलाल जांगड़े, छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, संसदीय सचिव तोखनलाल साहू विशेष अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित थे। अपेक्स बैंक के अध्यक्ष अशोक बजाज, ओमप्रकाश पुजारी, केन्द्रीय भू-जल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. केबी विश्वास, केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष जीएस झा, केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के संयुक्त सचिव संजय कुंडू , राज्य शासन के जल संसाधन विभाग के सचिव जीएस मिश्रा, प्रमुख अभियंता एचआर कुटारे सहित केन्द्रीय भू-जल बोर्ड तथा राज्य शासन के जल संसाधन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का यह संस्थान बहुत सुंदर जगह में बनेगा। इसके लिए राज्य सरकार का विशेष योगदान है। उन्होंने बताया कि संस्थान भवन के प्रथम फेस के लिए 43 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे देश की चिन्ता का कारण बन चुके भू-जल के स्तर को ऊंचा करने के लिए केन्द्र सरकार ने तीन विभागों की समिति बनाकर साझा प्रयास करने की रणनीति बनाई है। समिति में जल संसाधन विभाग, पर्यावरण विभाग और ग्रामीण विकास विभाग को शामिल किया जाएगा।

केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने समारोह में उपस्थित स्कूली बच्चों को समझाते हुए कहा कि वे संकल्प लें कि तालाबों, सड़कों और नदियों में कूड़ा-करकट नहीं फेकेंगे और इनकी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि रायपुर जिले के दो गांवों को जल क्रांति अभियान के तहत जल-गांव बनाकर वहां स्कूली बच्चों को भेजकर भू-जल संरक्षण के उपायों को दिखाया जाना चाहिए ताकि उन्हें पानी को बचाने की सीख उन्हें मिले। लोकसभा सांसद रमेश बैस ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रकृति की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इसके समुचित उपयोग की जरूरत है।

छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज का दिन बहुत सौभाग्यशाली है। यहां के निवासियों को राष्ट्रीय स्तर का संस्थान मिल रहा है। वैसे तो यह संस्थान राज्य बनने के पहले से शुरू हो रहा था, लेकिन कुछ परिस्थितियों के चलते इसका कार्य शुरू नही हो पाया था। उन्होंने बताया कि इस संस्थान को पुणे स्थानांतरित करने की दिशा में कार्यवाही चल रही थी। लोकसभा सांसद श्री बैस के साथ मैंने इस दिशा में पहल करते हुए इस संस्थान को रायपुर में ही खोलने का आग्रह केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से किया था।

केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती की विशेष सहानुभूति से यह असंभव कार्य संभव हो पाया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ जल संसाधन के नजरिए से संपन्न राज्य है, परन्तु भू-जल का केवल 40 फीसदी उपयोग हो रहा है। भू-जल के उपयोग के मामले में भी छत्तीसगढ़ में असमानता देखी गई है। राज्य के तीन जिले और 21 विकासखंडों में भू-जल के स्तर की गिरावट चिन्ताजनक है। श्री अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय भू-जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान खुलने से छत्तीसगढ़ को लाभ मिलेगा।

अग्रवाल ने संस्थान खोलने के लिए केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ को सिंचाई का रकबा बढ़ाने में उनसे हरसंभव मदद मिलेगा। कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इस संस्थान के लिए तूता के पास 20 एकड़ तथा केन्द्री के पास 30 एकड़ जमीन आवंटित की है।

समारोह में राष्ट्रीय भू-जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की वर्ष 2015-16 की वार्षिक रिपोर्ट, केन्द्रीय भू-जल बोर्ड की गतिविधियों और उपलब्धियों पर केन्द्रित पुस्तिका 'प्रज्ञाÓ तथा राष्ट्रीय भू-जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के ब्रोशर का विमोचन किया गया। सुश्री उमा भारती ने राष्ट्रीय भू-जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान नया रायपुर की वेबसाईट का लोकार्पण किया। सभी अतिथियों ने इस अवसर पर पौधे भी लगाए।


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