ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन सबसे बड़ी चुनौती : गोयल
केंद्रीय विद्युत, कोयला, नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि आज मानवता के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है

नई दिल्ली। केंद्रीय विद्युत, कोयला, नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि आज मानवता के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। यहां तीन दिन तक चलने वाली 8वीं विश्व नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी कांग्रेस में भाग ले रहे प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, "पिछले 10 से 15 वर्षो में दुनियाभर में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि होने के कारण वातावरण की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट देखी गई है और यह संभवत: आज मानवता के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। सौभाग्य से, पेरिस समझौते के बाद समूचे विश्व ने स्वीकार किया है कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर मसला है और इसको दुनियाभर में मिशन मोड में हल किए जाने की आवश्यकता है।"
गोयल ने सूचित किया कि भारत इस चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक मंच पर अनेक अनुबंधों की अगुवाई कर रहा है, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), मिशन इनोवेशन, ऊर्जा क्षेत्र के त्वरित डी-कार्बनिजेशन के संबंध में वैश्विक अनुबंध, अफ्रीकी नवीकरणीय ऊर्जा पहल शामिल हैं। जी-20 देशों के ऊर्जा मंत्री अन्य बातों के अलावा, इस बात का पता लगाने के लिए एकजुट हो रहे हैं कि विश्व के बेहतर भविष्य के लिए क्या किया जा सकता है।
गोयल ने 3-डी के बारे में भी कहा, "जिस पर विश्व को अपनी ऊर्जा केंद्रित करने की जरूरत है। ये 3डी हैं- ऊर्जा क्षेत्र के डी-कार्बनाइजेशन का साझा लक्ष्य, ऊर्जा क्षेत्र का और अधिक विकेंद्रीकरण करने की संभावनाओं पर विचार करना तथा ऊर्जा क्षेत्र का अधिक से अधिक डिजिटीकरण।"
उन्होंने कहा, "हर गुजरते दिन के साथ समय घटता जा रहा है और हमें स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए आपस में तालमेल बैठाते हुए प्रयासों में तेजी लाने की आवश्यकता है। अगर हमने इन 3-डी का मामला नहीं सुलझाया, तो मुझे चिंता है कि विश्व को वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी का सामना करना पड़ सकता है।"
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकीय प्रगति के बारे में गोयल ने कहा, "मुझे पक्का यकीन है कि प्रौद्योगिकी का यह प्रारंभ विशेषकर भारत जैसी उभरती और बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के लिए, नवीकरणीय ऊर्जा को ज्यादा आकर्षक बनाएगा, विशेषकर उस समय जब ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों के अन्य स्वरूपों की तुलना में नवीकरणीय ऊर्जा की लागत कम है।"
गोयल ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान एनर्जी एंड एनवायरमेंट फाउंडेशन ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्डस 2017 भी प्रदान किए।


