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बिहार के नए राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती, पार्टी को 'ए टू जेड' के स्वीकार्य बनाना

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले जगदानंद सिंह को फिर से प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया

बिहार के नए राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती, पार्टी को ए टू जेड के स्वीकार्य बनाना
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पटना। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले जगदानंद सिंह को फिर से प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया। वैसे, अनुभवी सिंह के लिए अगला कार्यकाल बहुत आसान नहीं है। राजद बिहार में फिर से सरकार में पहुंच गई है वहीं पार्टी के लिए इस दौर में सभी के लिए स्वीकार्य बनाना सिंह के लिए बड़ी चुनौती है।

वैसे , इसमें कोई शक नहीं कि सिंह अपने कार्यकाल में पार्टी में तब नई जान फूंकी है जब लालू जेल में थे । तेजस्वी राजद को अब 'ए-टू-जेड' की पार्टी बनाने की कोशिश में जुटे है, जिसमे बहुत बड़ा हाथ जगदानंद सिंह का माना जा रहा है।

लालू प्रसाद और तेजस्वी के लिए सिंह अध्यक्ष पद के लिए पहली पसंद थे। सिंह के बारे में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा भी था कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जो कि समाजवादी विचार वाले हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी मजबूत हुई है।

तेजस्वी ने राजद के 2020 के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन का श्रेय जगदानंद को दिया। तेजस्वी ने कहा कि जगदानंद ने पार्टी में नई जान फूंक दी थी।

जगदानंद पार्टी के लिए हमेशा महत्वपूर्ण रहे। सिंह वैसे लालू यादव के लगातार पसंद बने हुए हैं। जगदानंद सिंह शुरूआत से ही जनता दल टूटने से लेकर राजद बनने तक हमेशा लालू के साथ साये की तरह हमेशा उनके लिए खड़े रहे।

बिहार की सियासत में महागठबंधन बनाने के लिए लालू यादव के फैसले के साथ भी जगदानंद मजबूती से खड़े रहे।

अगले डेढ़ सालों में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सिंह के लिए लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को ठीक करने की रहेगी। राजद फिलहाल सरकार में है लेकिन कानूनी पचड़े में फंसे तेजस्वी को कानूनी लड़ाई और सियासत में सामंजस्य बनाए रखने में भी सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।


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