सर्वे में जेवर एयरपोर्ट की सबसे बेहतर लोकेशन
टेक्नो आर्थिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट में जेवर हवाई अड्डा के लिए चिन्हित जमीन बेहतर लोकेशन माना गया है

ग्रेटर नोएडा। टेक्नो आर्थिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट में जेवर हवाई अड्डा के लिए चिन्हित जमीन बेहतर लोकेशन माना गया है। आसपास जमीन को लेकर कोई ऐसी अड़चन नहीं है जिससे एयरपोर्ट के निर्माण में बाधा आए और विमान को उड़ान भरने में किसी प्रकार की दिक्कत खड़ी हो। आसपास कोई ज्यादा आबादी भी नहीं है, जिससे शिफ्ट करने में कोई दिक्कत आए।
प्राइस वाटर हाउस कूपर्स कंपनी ने टीईएफआर सर्वे के दौरान अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। पीडब्ल्यूसी ने सर्वे करने के बाद रिपोर्ट यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सौंप दिया है। फिलहाल यह भी ड्राफ्ट रिपोर्ट माह के अंत तक फाइनल रिपोर्ट तैयार हो जाएगा।
जेवर हवाई अड्डा का टेक्नो आर्थिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार के लिए पीडब्ल्यूसी को 29 दिसम्बर को काम सौंपा गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने पीडब्ल्यूसी को 15 मार्च तक सर्वे के बाद रिपोर्ट देने के लिए समय दिया था। पीडब्ल्यूसी ने निर्धारित समय पर टीईएफआर तैयार कर रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि देश में पहली बार किसी एयरपोर्ट का टीईएफआर निर्धारित समय पर तैयार हुआ है। प्राधिकरण की तैयारी है कि हर हाल जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य दिसम्बर तक शुरू हो जाए।
पीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट में जेवर एयरपोर्ट के लिए चिन्हित जमीन को सबसे बेहतर लोकेशन माना है। सर्वे के दौरान जमीन के लोकेशन का भी आंकलन किया जाता है। जिसमें पाया गया कि पर्यावरण के हिसाब से लोकेशन सही है। आसपास कोई पहाड़ व टीला भी नहीं है, जिससे आने वाले समय में कोई दिक्कत खड़ी हो। एयरपोर्ट के लिए चिन्हित जमीन के आसपास पूरी खाली जमीन है। एयरपोर्ट से एक्सप्रेस-वे सटा हुआ है। एयरपोर्ट के लिए चारो तरफ से कनेक्टिविटी है। यमुना एक्सप्रेस-वे के साथ ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, पलवल खुर्जा एक्सप्रेस-वे से आने वाले समय एयरपोर्ट जुड़ जाएगा।
एयरपोर्ट के लिए फेस-एक आठ गांव की 2328 हेक्टेयर जमीन चिन्हित किया गया है। इन आठ गांव में कुछ ही आबादी आ रही है जिससे एयरपोर्ट निर्माण के दौरान शिफ्ट करना पड़ेगा। चिन्हित जमीन के आसपास कोई धार्मिक स्थल भी नहीं है। एयरपोर्ट करीब एक नहर आ रहा है। जिससे एयरपोर्ट निर्माण के दौरान अंडर ग्राउंड कर दिया जाएगा। इससे सिंचाई का कार्य बाधित नहीं होगा। जेवर एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी ईटरनेशनल एयरपोर्ट 72 किमी., आगरा 130 किमी, दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर 55 किमी, फरीदाबाद 50 किलोमीटर, गाजियाबाद 70 किमी, और अलीगढ़ 60 किमी पड़ता है।
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरूणवीर सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूसी ने एयरपोर्ट का टीईएफआर सर्वे रिपोर्ट सौंप दिया है। अभी यह ड्राफ्ट रिपोर्ट है जल्द ही फाइनल रिपोर्ट तैयार हो जाएगा और मार्च माह के अंत तक फाइनल रिपोर्ट सैद्धांतिक मंजूरी के लिए शासन को भेज दिया जाएगा। शासन से मंजूरी मिलने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा जाएगा।


