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दुनिया में इतिहास बदलने की कोशिश कामयाब नहीं हुई : अंसारी

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने रविवार को मौजूदा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि नए आविष्कारक टाइम मशीन बनाने को काशिश में जुटे हैं ताकि वे वापस अतीत में जाकर इतिहास बदल सकें

दुनिया में इतिहास बदलने की कोशिश कामयाब नहीं हुई : अंसारी
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नई दिल्ली। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने रविवार को मौजूदा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि नए आविष्कारक टाइम मशीन बनाने को काशिश में जुटे हैं ताकि वे वापस अतीत में जाकर इतिहास बदल सकें। अंसारी ने कहा, "हालांकि ऐसा नहीं हो सकता है क्योंकि दुनिया में इतिहास बदलने की कोशिश कहीं सफल नहीं हुई।"

पूर्व उपराष्ट्रपति ए. गोपन्ना द्वारा संकलित किताब 'जवाहरलाल नेहरू : एन इलस्ट्रेटेड बायोग्राफी' के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "वर्षो पूर्व एच.जी. वेल्स ने एक किताब 'द टाइम मशीन' लिखी थी। इस किताब में यह परिकल्पना की गई थी कि एक ऐसी प्रौद्योगिकी होगी जिससे अतीत में जाया जा सकता है। किताब को काफी सफलता मिली।"

उन्होंने आगे कहा, "लेकिन आज हमें एक अलग तरह के आविष्कार देखने को मिल रहे हैं जो लेखक नहीं हैं बल्कि आविष्कारक हैं और वे एक ऐसा टाइम मशीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे आप अतीत में जाकर इतिहास को दोबारा लिख सकते हैं।"

कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे।

अंसारी ने कहा, "अब यह कोशिश सफल नहीं होने वाली है। इतिहास इतिहास है। आप उससे सबक ले सकते हैं। आप उससे प्रेरणा ले सकते हैं या आप उसे पढ़ सकते हैं, लेकिन इतिहास बदला नहीं जा सकता है। और जिस तरह की कोशिश की जा रही है, शायद वैसी कोशिश कहीं और नहीं हुई और वे सारी कोशिशें भी विफल रहीं।"

देश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन 27 मई 1964 को हुआ था।

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आधुनिक भारत का इतिहास का कुछ शख्सियतों से गहरा ताल्लुकात है और नेहरू उनमें से एक थे।

देश के प्रथम प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और लोकतंत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को नमन करते हुए उन्होंने कहा, "भारत उसी मार्ग पर जाता जिसका अनुसरण एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के स्वतंत्र हुए देशों ने किया मगर नेहरू की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता के कारण व्यवस्था को संभालने के लिए जरूरी संस्थानों का निर्माण हुआ।"


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