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हरिद्वार के कनखल में सती घाट पर 5,945 लोगों की अस्थियों को एक साथ गंगा में किया गया विसर्जित

हरिद्वार जिसे हरि का द्वार कहा जाता है, जहां मोक्षदायनी मां गंगा बहती है। रविवार को उन्हीं मां गंगा के जल में 5,945 लोगों की अस्थियों को विसर्जित कर उन्हें मोक्ष दिलाया गया

हरिद्वार के कनखल में सती घाट पर 5,945 लोगों की अस्थियों को एक साथ गंगा में किया गया विसर्जित
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हरिद्वार। हरिद्वार जिसे हरि का द्वार कहा जाता है, जहां मोक्षदायनी मां गंगा बहती है। रविवार को उन्हीं मां गंगा के जल में 5,945 लोगों की अस्थियों को विसर्जित कर उन्हें मोक्ष दिलाया गया।

रविवार को श्री देवोत्थान सेवा समिति ने हरिद्वार के सती घाट पर 5945 लोगों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया। अस्थि विर्सजन का कार्यक्रम पूरे विधि-विधान और कर्मकांड़ों के साथ किया गया। अभी तक यह संस्था 22 सालों में करीब 1 लाख 61 हजार 161 अस्थियों का विसर्जन कर चुकी है।

इन लावारिस अस्थियों को पहले एक शोभायात्रा के जरिए भूपतवाला से हरकी पैड़ी और शहर के अन्य स्थानों से होते हुए सती घाट तक लाया गया। जहां पर पूरे विधि-विधान के साथ इन अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया गया। संस्था के अध्यक्ष अनिल नरेंद्र ने कहा कि, उनका उद्देश्य लोगों को अपनों के प्रति जागरूक कर उन्हें मोक्ष दिलाना है। यह विश्‍वास और भटकती आत्माओं को शांति प्रदान करने का काम है। युवाओं को अपने बुजुर्गों के प्रति जिम्मेदारी के बोध को जाग्रत करना भी पुण्य का काम है।


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