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आर्यों ने चांसी में महर्षि तपस्थली पर सम्पन्न की शोभायात्रा किया यज्ञ और लिया संकल्प

बुलंदशहर डिबाई विधानसभा क्षेत्र राजघाट में महेश्वरानंद वेद भारती धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा संचालित महर्षि दयानंद आर्ष गुरुकुल राजघाट नरोरा की ओर से महर्षि दयानंद की तपस्थली चाची के लिए आज भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया

आर्यों ने चांसी में महर्षि तपस्थली पर सम्पन्न की शोभायात्रा किया यज्ञ और लिया संकल्प
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- सुरेन्द्र सिंह भाटी

बुलंदशहर डिबाई विधानसभा क्षेत्र राजघाट में महेश्वरानंद वेद भारती धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा संचालित महर्षि दयानंद आर्ष गुरुकुल राजघाट नरोरा की ओर से महर्षि दयानंद की तपस्थली चाची के लिए आज भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया।

जिसमें गुरुकुल के ब्रह्मचारी और जिले की आर्य समाज जनों के विभिन्न प्रतिनिधियों ने भारी संख्या में भाग लिया यह शोभायात्रा राजघाट से चलकर झांसी पर पूर्ण की गई झांसी पहुंचने की पश्चात महर्षि तपस्थली पर सभी आरी जनों ने मिलकर भव्य यज्ञ का आयोजन किया इस यज्ञ में इस यज्ञ में स्थानीय खंड विकास अधिकारी ऊंचा गांव, जिला सभा के प्रधान श्री गंगा प्रसाद निराला, गुरुकुल राजघाट के प्रधान स्वामी अमृतानंद ,भूतपूर्व प्रधानाचार्य क्षेत्रपाल सिंह आर्य, गुरुकुल के प्रबंधक रामावतार आर्य स्थानीय ग्राम प्रधान धर्मेंद्र कुमार उर्फ पिंटू, इस अवसर पर कोलकाता से पधारे कार्यक्रम के संयोजक वैदिक प्रवक्ता - आचार्य योगेश शास्त्री ने स्थानीय जनता को इतिहास में लुप्त पड़े तथ्यों को सामने उजागर करते हुए बताया 1867 ईस्वी में महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती का आगमन इस पावन पुण्य स्थल पर हुआ , इस पावन स्थली पर तपस्या करने के पश्चात महर्षि जी का जीवन में नई ऊर्जा का शक्ति संचार हुआ और उन्होंने आसपास के क्षेत्र में अज्ञान के अंधकार में डूब जनता को वेदों प्रकाश के माध्यम से वेद के संदेशों के माध्यम से वेद की कर्तव्य परायणता के माध्यम से क्षेत्र की जनता में धार्मिक अन्धविश्वासों को समाप्त कराया उन्होंने जातिवाद जैसी कुरीतियां समाप्त कर लोगों को संकल्प दिला समरसता का वातावरण तैयार किया।


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