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प्रशासन ने मकान ढहाया, पीड़िता ने फांसी लगा दे दी जान

बेजाकब्जा हटाये जाने के दौरान मकान ढहा दिये जाने से क्षुब्ध अधेड़ व्यक्ति ने आज तड़के सुबह महानदी पुल पर फंदा बना अपनी जान दे दी...

प्रशासन ने मकान ढहाया, पीड़िता ने फांसी लगा दे दी जान
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सरपंच व तहसीलदार की भूमिका को लेकर ग्रामीणों ने किया 8 घंटे चक्काजाम

जांजगीर। बेजाकब्जा हटाये जाने के दौरान मकान ढहा दिये जाने से क्षुब्ध अधेड़ व्यक्ति ने आज तड़के सुबह महानदी पुल पर फंदा बना अपनी जान दे दी। इस घटना को लेकर ग्राम पंचायत बरेकेल में आज सुबह से तनाव का वातावरण बना रहा। जहां सरपंच व तहसीलदार की भूमिका पर सवालिया निशान लगाते हुये ग्रामीणों ने 8 घंटे तक चक्काजाम कर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। अंतत: अनुविभागीय अधिकारी सक्ती के आश्वासन के बाद स्थिति सामान्य हो पाई। निवासी 55 वर्षीय मोहन कहरा द्वारा आत्महत्या कर लिये जाने से उपजे तनाव व ग्रामीणों द्वारा किये गये चक्काजाम को नियंत्रित करने प्रशासन का पसीना छूट गया।

विदित हो कि गांव में अतिक्रमण हटाने के दौरान मृतक का मकान भी तोड़ा गया था, जिसके विरोध करने पर उसे थाने में बैठाया रखा गया और रात्रि 8 बजे जब मृतक घर पहुंचा, तब तक उसका मकान टूट चुका था। इसी से क्षुब्ध मोहन रातभर चैन से नहीं सो सका और सुबह-सुबह घर से नदी की ओर निकला जो वापस लौटकर नहीं आया। मोहन मछली पकड़ने वाले रस्सी से फंदा बना महानदी पुल के नीचे झूल गया था, जिसे सुबह ग्रामीणों ने देखा और तभी से गांव में तनाव व विरोध का सिलसिला शुरू हो गया, जो दोपहर 2 बजे तक चला। गांव पहुंचे अनुविभागीय अधिकारी द्वारा ग्रामीणों को दिये आश्वासन के बाद स्थिति सामान्य हो पाई है

। घटना के संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम बरेकेल कला में अतिक्रमण हटाये जाने की सूचना तहसीलदार द्वारा 18 मई को जारी किया गया था। जिसे कोटवार द्वारा 21 मई को तामिल की गई, नोटिस में मोहन पिता चंदुराम कहरा का भी नाम था। उक्त नोटिस में अवैध कब्जाधारियों को 15 दिवस के भीतर कब्जा छोड़ने कहा गया था, मगर तोडूदस्ता 22 मई को ही गांव पहुंच कब्जा हटाने की कार्रवाई में जुट गई। इसका विरोध अन्य ग्रामीणों के साथ मोहन कहरा भी करने लगा, जिनका तर्क था कि उन्हें दी गई नोटिस में 15 दिनों का समय दिया गया है। ऐसे में अचानक कब्जा खाली किये जाने से वे बेघर हो जायेंगे। अत: कब्जा खाली करने समय दिये जाने की मांग की गई। उधर प्रशासनिक अमले के जिम्मेदार अधिकारी एसआर सिदार इनकी मांग मानने तैयार नहीं दिखे और विरोध करने पर मोहन कहरा को थाने भेज दिया गया और तोडूदस्ता द्वारा कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाती रही।

इधर रात्रि करीब 8 बजे मोहन कहरा को थाने से घर भेजा गया, जहां पहुंच उसने देखा कि मकान तोड़ा जा चुका है,तभी से वह मायुस हो घर के बाहर बिना खाना खाये चारपाई पर लेटा रहा और तड़के 3 बजे घर से नदी तरफ जाने निकल पड़ा। घर वाले भी किसी बड़ी अनहोनी से अंजान सामान्य रूप से ले रहे थे, मगर सुबह-सुबह उनके घर मोहन कहरा द्वारा फांसी लगा लिये जाने की सूचना ने परिवार में कोहराम मचा दिया। घटना की जानकारी तेजी से पूरे गांव में फैल गई और विरोध के सुर फूट पड़े। मोहन के फांसी लगाने को लेकर ग्रामीण सड़कों पर उतर चक्काजाम कर दिये। घटना की सूचना पर सक्ती अनुविभागीय अधिकारी इंद्रजीत बर्मन दोपहर 12 बजे गांव पहुंचे, जहां लोगों से मिलकर घटना के संबंध में चर्चा की। ग्रामीणों ने इस घटना के परिपेक्ष्य में चार सूत्रीय मांग रखी।

जिसमें मृतक की बहु द्वारा लगाये आरोप के अनुसार सरपंच द्वारा उनके मकान न तोड़े जाने के एवज में 60 हजार की मांग रखी गई थी। ग्रामीणों ने सरपंच के विरूद्ध मामला दर्ज करने तथा तहसीलदार द्वारा दिये गये समय-सीमा 15 दिवस के पहले ही कब्जा हटाने की कार्रवाई करने पर उनके विरूद्ध मामला दर्ज करने, मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा दिलाने तथा तत्काल मिलने वाली सहायता राशि 25 हजार उपलब्ध कराने शामिल है। ग्रामीणों की मांग पर एसडीएम ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन देते हुये सरपंच व तहसीलदार के विरूद्ध जांच करने की बात कही। तब जाकर दोपहर 2 बजे स्थिति सामान्य हो पाई और मृतक का शव पीएम के लिए भेजा गया। बहरहाल गांव में स्थिति तनावपूर्ण परन्तु नियंत्रण में बनी हुई है। वहीं मृतक मोहन कहरा के शव का पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार किया जा चुका है।

सरपंच पर राशि मांगने का आरोप
ग्राम बरेकेल कला में अतिक्रमण हटाये जाने की कार्रवाई को लेकर सरपंच कन्हैयालाल चौहान पर लेनदेन किये जाने का आरोप भी लग रहा है। मृतक मोहन कहरा की बहु ने सरपंच पर 60 हजार रकम की मांग किये जाने की बात बताते हुये गंभीर आरोप लगाई है। मृतक द्वारा पैसों का इंतजाम न हो पाने की वजह से चिंतित था। इधर सरपंच पैसा नहीं मिलने के चलते बिना रहम खाये उनका मकान ढहा दिया। जबकि अभी 15 दिन का समय शेष था। बताया जाता है कि घटना के बाद से ही सरपंच कन्हैयालाल गांव से फरार है।

सरपंच व तहसीलदार के खिलाफ होगी जांच-एसडीएम
ग्राम बरेकेल कला के मोहन कहरा द्वारा मकान तोड़े जाने के दूसरे दिन फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने एवं इस प्रकरण में ग्रामीणों की ओर से ग्राम सरपंच व तहसीलदार के विरूद्ध लगाये गये आरोपों पर गंभीरता से जांच कराई जायेगी। जिसका प्रकरण सक्ती अनुविभागीय कार्यालय में दर्ज किया जा चुका है। शीघ्र ही जांच की कार्रवाई पूरी कर ली जावेगी।


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