विधानसभा कमेटियों को भंग करने संबंधी बयान परसख्त आप सरकार
दिल्ली विधानसभा ने नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ सदन की समितियों को भंग करने संबंधी बयान पर सख्ती दिखाते हुए मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया है

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ सदन की समितियों को भंग करने संबंधी बयान पर सख्ती दिखाते हुए मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया है। यह प्रस्ताव आम आदमी पार्टी सौरभ भारद्वाज ने रखा और इस पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सख्त लहजे में कहा कि विधानसभा अथवा लोकसभा की कमेटियां लोकतंत्र को मजबूत करती हैं और यह कमेटियां सुनिश्चित करती हैं कि सरकार, कार्यपालिका जनता के प्रति जवाबदेह व जिम्मेदार रहे। उन्होंने कहा कि कमेटियां अच्छा काम कर रही हैं। सरकार उन्हें पूरी मदद करेगी। कमेटियों को असंवैधानिक कहना कमेटी, सदन का नहीं बल्कि संविधान का अपमान है।
उन्होंने कहा कि भाजपा कमेटियों पर सवाल उठा रही है, इन्हें लोकतंत्र की समझ नहीं। इन्हें शर्म नहीं आती, इनकी पार्टी के लोग लड़की छेड़ते हुए पकड़े जाते हैं। इन्हें गांधी की हत्या से शर्म नहीं आती। ये लोकतंत्र से डरते हैं। कभी कहते हैं राज्यसभा भंग कर देनी चाहिए और अब एक -एक सीट के लिए कुचक्र रच रहे हैं। आरएसएस की परंपरा वाले ये लोग तो भारत छोड़ो आंदोलन, आजादी व स्वतंत्रता सेनानियों के भी विरोधी थे।
उन्होंने कहा कि ये कमेटियां दिल्ली के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हैं। क्योंकि सदन तो साल में 2-4 बार बैठता है पर कमेटियां निरंतर सरकार के कामकाज को परखती हैं। श्री सिसोदिया ने कहा कि याचिका कमेटी ने लोक निर्माण विभाग, दवा वितरण, डेंगू पर विज्ञापन के काम को देखा अपने सुझाव दिए। इसमें नेता विपक्ष का क्या जाता है। दूसरे देशों में कमेटियां बहुत मजबूत हैं क्योंकि वहां कमेटी की बिना मंजूरी अधिकारियों की नियुक्ति तक नहीं होती।
मामले की शुरुआत करते हुए आप विधायक नितिन त्यागी व सौरभ भारद्वाज ने नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता पर यह आरोप लगाया कि इन्होंने दिल्ली विधानसभा की कमेटियों को भंग करने की मांग की है इसके लिए उपराज्यपाल द्वारा एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से राय मांगी गई है।
सौरभ ने बताया अधिकारियों को जब समिति तलब करती है तो वह बीमार हो जाते हैं, जबकि हम कोई व्यक्तिगत काम नहीं करवाते। उन्होंने कहा कि सरकार के मुखिया भले उपराज्यपाल हों लेकिन सदन से सर्वोपरि नहीं हैं।
भारद्वाज ने विजेंद्र गुप्ता के खिलाफमामले को विशेषाधिकार समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा। आप विधायक अलका लांबा ने विजेंद्र गुप्ता से नेता प्रतिपक्ष का पद छीन लेने तो सोमनाथ भारती, मदनलाल ने माफी की मांग रखी। आप विधायकों ने सर्वसम्मति से मामला विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया गया। हालांकि यह पूरा मामला अधिकारियों और सरकार के बीच टकराव के तौर पर देखा जा रहा है।


