टाटा मुंबई मैराथन के 16वें संस्करण को मिला 'गोल्ड लेबल'
टाटा मुंबई मैराथन के 16वें संस्करण को इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ) ने 'गोल्ड लेबल' दिया है

मुंबई। टाटा मुंबई मैराथन के 16वें संस्करण को इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ) ने 'गोल्ड लेबल' दिया है। यह भारत का पहला गोल्ड लेबल मैराथन होगा। मैराथन का आयेजन करने वाले प्रोकैम इंटरनेशनल ने शनिवार को इसकी घोषणा की।
टाटा मुंबई मैराथन विश्व के शीर्ष-10 मैराथन में आता है और गोल्ड लेबल मिलने के बाद यह दुनिया भर की पसंदीदा आयोजनों में शामिल हो गया है।
अगले वर्ष 20 जनवरी को होने वाले इस मैराथन के छह कैटेगरी में 46,000 से अधिक प्रतिभागी 405,000 अमेरिकी डॉलर की इनामी राशि के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।
इस मौके पर प्रोकैम इंटरनेशनल के एमडी विवेक सिंह ने कहा, "हम टाटा मुंबई मैराथन के लिए आईएएएफ गोल्ड लेबल पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह उपलब्धि इस रेस के सफल आयोजन के लिए कई महीनों से कार्य कर रही हमारी टीम की मेहनत का प्रतीक है।"
कड़े मानदंडों के आधार पर किसी रेस को आईएएएफ गोल्ड लेबल दिया जाता है। इन मानदंडों में विश्व स्तरीय फील्ड रिप्रेजेंटेशन, पुरुष और महिला धावकों के लिए अलग-अलग पुरस्कार राशि, संपूर्ण चिकित्सा सहायता प्रणाली और लाइव टेलीविजन कवरेज जैसी कई चीजें शामिल हैं।
इसके अलावा गोल्ड लेबल हासिल करने के लिए किसी मैराथन को सुरक्षा तथा सफाई, रूट की क्वालिटी, ट्रैफिक पर रोक, धावकों के लिए सुरक्षित तथा खुला रास्ता व अन्य सुविधाओं से लैस होना चाहिए।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष एडिल सुमारिवाला ने भी टाटा मुंबई मैराथन को मिला 'गोल्ड लेबल' मिलने पर खुशी जाहिर की। सुमारिवाला के मुताबिक गोल्ड लेबल इस मैराथन की सफलता प्रतीक है। उन्होने कहा, "गोल्ड लेबल इस स्तरीय आयोजन के लिए एक पुरस्कार की तरह है। इसके साथ टाटा मुम्बई मैराथन एशिया में शामिल गोल्ड लेबल मैराथनों की सूची में शामिल हो गया है।"


