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जो हूं जहां हूं, आयुर्वेद कालेज की बदौलत : रमन सिंह

छत्तीसगढ़ की राजधानी में शनिवार को आयुर्वेद के डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का सम्मान किया। इस दौरान आयुर्वेद के डॉक्टर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो हूं, जहां हूं, इसी आयुर्वेद कॉलेज की बदौलत हूं

जो हूं जहां हूं, आयुर्वेद कालेज की बदौलत : रमन सिंह
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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में शनिवार को आयुर्वेद के डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का सम्मान किया। इस दौरान आयुर्वेद के डॉक्टर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो हूं, जहां हूं, इसी आयुर्वेद कॉलेज की बदौलत हूं।

उन्होंने कहा, "मैं पिछले 14 साल से राजनीति में हूं, लेकिन अब भी अनफिट हूं, क्योंकि राजनीति के रास्ते बहुत ही घुमावदार हैं। बहुत ही टेढ़े-मेढ़े हैं। मेरे स्वागत की जरूरत क्यों, 14 साल में पहली बार सार्वजानिक सम्मान के लिए राजी हुआ हूं। मुझे अच्छा नहीं लगता कि मेरे अपने लोग मेरा सम्मान करें।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "मेरी राजनीति में रुचि नहीं था, आपातकाल के उस दौर में मुझे लगा कि विरोध होना चाहिए और राजनीति शुरू की। डॉक्टर होने के नाते मेरी कवर्धा में पहचान मिली। मेरे 100 से 150 प्रतिदिन मरीज रहते थे, जिसमें 70 प्रतिशत गरीब मरीज आते थे। उस वक्त मैं पांच रुपये लेकर 5 दिन की दवा देता था, उस दौर में मैंने नजदीक से लोगों को मरते देखा है, मेरी उस समय औकात नहीं थी कि लोगों की परेशानी दूर कर सकूं।"

उन्होंने कहा कि आज सरकार के माध्यम से कुपोषण और गरीबी से हम लड़ाई लड़ रहे हैं, आज लोगों को 50 हजार तक के इलाज का स्मार्ट कार्ड सरकार दे रही है, आज भी सुदूर क्षेत्र में चिकित्सक लगन के काम कर रहे हैं। 1000 चिकित्सक काम कर रहे हैं। जल्दी चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

डॉ. सिंह ने कहा कि भारत से ज्यादा चीन व जापान में आयुर्वेद का प्रभाव है। दुनिया में भारत का 9 प्रतिशत आयुर्वेद में हिस्सा है। आयुर्वेद में बहुत संभावनाएं हैं, आयुर्वेद में सभी बीमारी का इलाज है।


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