‘आतंकियों को पता होना चाहिए कि बचने के लिए कोई जगह नहीं’, इजरायल का 'ऑपरेशन सिंदूर' को समर्थन
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर भारत के एयरस्ट्राइक का इजरायल ने समर्थन किया है। इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि आतंकवादियों को पता होना चाहिए कि निर्दोषों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधों से बचने के लिए कोई जगह नहीं है
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर भारत के एयरस्ट्राइक का इजरायल ने समर्थन किया है। इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि आतंकवादियों को पता होना चाहिए कि निर्दोषों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधों से बचने के लिए कोई जगह नहीं है।
भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "इजरायल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है। आतंकवादियों को पता होना चाहिए कि निर्दोषों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधों से बचने के लिए कोई जगह नहीं है।"
Israel supports India’s right for self defense. Terrorists should know there’s no place to hide from their heinous crimes against the innocent. #OperationSindoor
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने देर रात आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की। इस सैन्य कार्रवाई में उन आतंकी कैंपों और लॉजिस्टिक ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी समूहों से जुड़े थे।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पहलगाम हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों से जोड़ा है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी द रेसिस्टेंस फ्रंट ने जिम्मेदारी ली है।
सेना ने ऑपरेशन के बाद कहा, "थोड़ी देर पहले भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाई और निर्देशित की गई थी।"
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने हमलों की सटीकता और सीमित दायरे की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "हमारी कार्रवाई केंद्रित और सटीक रही। हमने केवल उन आतंकी कैंपों को निशाना बनाया, जहां से भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें अंजाम दिया गया था।"
प्रवक्ता ने कहा, "ऑपरेशन का इरादा और कार्यान्वयन गैर-विवाद बढ़ाने वाला था।"
उन्होंने आगे कहा, "न्याय हो गया, जय हिंद।"
भारत सरकार ने पुष्टि की है कि सभी नौ लक्ष्यों पर सफलतापूर्वक हमला किया गया, जिससे पाकिस्तान में कोई नागरिक, सैन्य या आर्थिक बुनियादी ढांचा प्रभावित नहीं हुआ।


