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भारत में स्लीपर सेल से जानकारी लेते हैं आतंकी : कर्नल सोही

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है

भारत में स्लीपर सेल से जानकारी लेते हैं आतंकी : कर्नल सोही
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। इस हमले के पीछे आतंकियों की रणनीति और स्लीपर सेल की भूमिका पर कर्नल एसएस सोही (रि.) ने आईएएनएस से विस्तृत बातचीत की।

कर्नल सोही ने बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन स्लीपर सेल के जरिए भारत में अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं। ये स्लीपर सेल सामान्य नागरिकों की तरह रहते हैं और जरूरत पड़ने पर सक्रिय होकर जासूसी, रेकी और हमले को अंजाम देते हैं।

उन्होंने कहा कि स्लीपर सेल के सदस्य बिना किसी संचार या गतिविधि के चुपचाप रहते हैं। जब पाकिस्तान से निर्देश मिलते हैं, तब ये भारतीय सेना की गतिविधियों, सैन्य टुकड़ियों के मूवमेंट और संवेदनशील स्थानों की जानकारी जुटाते हैं। ये लोग मोबाइल फोन से फोटो, वीडियो बनाकर भेजते हैं। कई बार भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता के कारण इन्हें पकड़ लिया जाता है। पहलगाम हमले से पहले आतंकियों ने स्थानीय जासूसों की मदद से रेकी की और पर्यटकों को निशाना बनाने के लिए संवेदनशील स्थानों को चिह्नित किया।

आतंकियों की रणनीति के बारे में कर्नल ने बताया कि वे सॉफ्ट टारगेट जैसे पर्यटक स्थलों को चुनते हैं, जहां से बच निकलने का रास्ता आसान हो। जंगल और घने इलाके उनके लिए भागने का मुख्य रास्ता होते हैं। हथियारों को छिपाने और उन्हें हमले की जगह तक पहुंचाने के लिए अलग-अलग टीमें काम करती हैं। आतंकी आम नागरिकों जैसे कपड़े और भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी पहचान मुश्किल होती है।

कर्नल ने कहा, “आतंकियों के पास समय और स्थान चुनने का फायदा होता है, जबकि हमारी सेना को हर जगह तैनात करना संभव नहीं।”

भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकियों के खिलाफ 24 घंटे सतर्क रहती है। खुफिया जानकारी मिलते ही संदिग्ध क्षेत्रों को घेरकर तलाशी अभियान चलाया जाता है। हालांकि, कर्नल ने माना कि सीमित संसाधनों और सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण हर जगह पर्याप्त सैन्य तैनाती चुनौतीपूर्ण है। पहलगाम जैसे क्षेत्र, जहां लंबे समय तक शांति रही, वहां भी आतंकी अचानक हमला कर सकते हैं।

आतंकियों के छिपने और अचानक हमले की रणनीति के कारण भारतीय सैनिकों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। कर्नल ने बताया कि आतंकी पहले से बचाव की स्थिति में रहते हैं और पीछा करने पर छिपकर हमला करते हैं।


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