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आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते : राजनाथ

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है लेकिन आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते

आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते : राजनाथ
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श्रीनगर। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है लेकिन आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।

जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे श्री सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार घाटी में स्थिति बेहतर होने तक प्रयासरत रहेगी। उन्होंने कहा, “हम वार्ता के लिए तैयार हैं लेकिन सिर्फ एक शर्त पर कि पाकिस्तान को हमें आश्वस्त करना होगा कि वह भारत में आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देगा। आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती।”

पाकिस्तान के साथ संबंध बेहतर बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की पहलों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी पड़ोसी देश के साथ वार्ता शुरू करने का प्रयास किया है।

गृह मंत्री ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी प्रोटोकॉल ताेड़कर पाकिस्तान गये और तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एवं उनके परिवार से मिले। यह केवल पड़ोसी देश के साथ रिश्ते बेहतर बनाने के लिए किया गया था लेकिन उनकी तरफ से कोई रचनात्मक कदम नहीं उठाया गया।”

श्री सिंह ने कुलगाम में मुठभेड़ स्थल के पास विस्फोट में सात नागरिकों के मारे जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मृतकाें के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने लोगों से सुरक्षा बलाें की कार्रवाई वाली जगहों पर नहीं जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा , “कुलगाम में नागरिकों का मारा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे जानकारी मिली कि सुरक्षा बलों का अभियान समाप्त हो चुका था और जवान इलाके से जा चुके थे। उसके बाद वहां अचानक एक विस्फोट हो गया जिससे लोगों को जान गंवानी पड़ी।”

उन्होंने कहा, “मैं मृतकाें के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। धन किसी की जान का विकल्प नहीं हो सकता लेकिन हम मृतकाें के परिजनों को पांच लाख रुपये की मदद देंगे।”

श्री सिंह ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक, सुरक्षा बल और नागरिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद संवाददाताओं से कहा कि पिछले चार माह में राज्य में हालात में काफी सुधार आया है।

उन्होंने कहा कि पथराव की घटनाओं में काफी कमी हुई है और आतंकवादियों की भर्ती में भी कमी की सूचना है। राज्य के युवाअों रचनात्मक कार्यों में लगाया जा रहा है और जम्मू-कश्मीर को एक विकसित राज्य बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।


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