निजी कंपनियों के लिए बदली स्पेक्ट्रम नीलामी की शर्तें: कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने देश में निजी क्षेत्र की तीन बड़ी दूर संचार कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा आवंटन के बाद नीलामी की शर्तें बदली हैं
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने देश में निजी क्षेत्र की तीन बड़ी दूर संचार कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा आवंटन के बाद नीलामी की शर्तें बदली हैं जिससे सरकारी खजाने को 24 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि पिछले वर्ष छह अक्टूबर को संपन्न स्पेक्ट्रम नीलामी में रिलायंस जियो, एअरटेल और आइडिया ने 65 हजार 789 करोड रुपए में स्पेक्ट्रम खरीदे। सरकार को इस निविदा से 80 हजार करोड़ रुपए की आय की उम्मीद थी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 98 हजार करोड़ रुपए की आय का अनुमान व्यक्त किया था।
उन्होंने कहा कि शर्तों के मुताबिक नीलामी राशि का 50 फीसदी भुगतान कंपनियों को शुरू में ही सरकार को कर देना था और शेष दस वर्ष में दस बराबर किश्तों में करना था। तीनों कंपनियों ने अपनी वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए सरकार से शेष राशि के भुगतान की अवधि बढ़ाने का आग्रह किया तो इसके लिए वित्त मंत्रालय तथा संचार मंत्रालय की एक अंतरसमिति का गठन किया गया।
समिति ने नीलामी की शर्तों का उल्लंघन करते हुए इन निजी कंपनियों से 16 साल में पैसा वसूलने का निर्णय लिया है। समिति का यह फैसला अब मंत्रिमंडल के अनुमोदन के रखा जाना है। प्रवक्ता ने कहा कि इस फैसले से सरकार के खजाने को सीधे 23 हजार 821 करोड़ का नुकसान हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कंपनियों की वित्तीय स्थिति को देखते हुए शर्ताें में आवंटन के बाद बदलाव किया जाना था तो इसका जिक्र निविदा की शर्ताें में क्यों नहीं किया गया। उन्होंने इसे उच्चतम न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन बताया और कहा कि मोदी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसने किसे फायदा पहुंचाने के लिए नीलामी आवंटन के बाद नियमों में बदलाव किया है।


