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परीक्षा के दौरान नियमबद्ध तैयारी से तनाव होगा दूर : डॉ. मृन्मय दास

सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं पांच मार्च से शुरू हो रही है ऐसे में बच्चे में तनाव के दौर से गुजरना, परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना आम बात है

परीक्षा के दौरान नियमबद्ध तैयारी से तनाव होगा दूर : डॉ. मृन्मय दास
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ग्रेटर नोएडा। सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं पांच मार्च से शुरू हो रही है ऐसे में बच्चे में तनाव के दौर से गुजरना, परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना आम बात है। हर व्यक्ति की तनाव झेलने की क्षमता अलग होती है और हर व्यक्ति इसके लिए अलग तरह से रिएक्ट करता है।

हालांकि कई बार किशोरों के लिए परीक्षा के इस तनाव को झेलना बेहद मुश्किल हो जाता है। अक्सर छात्रों को यह चिंता सताती है अगर मैं फेल हो गया तो या अगर मुझे परीक्षा में कुछ नहीं आया तो। इस के लिए अपनी पढ़ाई पर अच्छी तरह ध्यान दें।

अगर अपके दिमाग में इस तरह के विचार आते रहेंगे तो आप पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा सकेंगे। डॉ. मृन्मय दास, सीनियर कन्सलटेन्ट, बिहेवियरल साइन्स, जेपी अस्पताल, नोएडा का कहना है कि अगर आप परीक्षा के तनाव से जूझ रहे हैं तो अपने आप को समझाने की कोशिश करें कि यह जीवन की छोटी सी अवस्था है, हमेशा ऐसा नहीं रहने वाला है।

परीक्षा के तनाव से कैसे बचें

सिर्फ सोचने से कुछ नहीं होने वाला है। सोचते रहने से तनाव व बढ़ेगा जिसका असर आपकी परीक्षा के परिणामों पर पड़ेगा। इसलिए सोचना छोड़ें व पढ़ना शुरू करें। उन विषयों पर ध्यान दें जिनमें आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है- योजना बनाएं। समय के अनुसार पढ़ना शुरू करें व बीच-बीच में ब्रेक लें। टाईम टेबल के अनुसार पढ़ें। हर एक-दो घण्टे बाद दस मिनट का ब्रेक लें। ग्रुप में पढ़ने के बहुत से फायदे होते हैं। अगर आपके सवाल या समस्याएं हैं तो आप एक-दूसरे के साथ इन्हें हल कर सकते हैं। अपने कमजोर अध्यायों पर ध्यान दें।

नोट्स बनाकर एक दूसरे के साथ शेयर करें। जब आप पढ़ने के लिए तैयार हों, टाईम टेबल बनाकर पढ़ना शुरू करें। ध्यान रखें हर विषय पर अलग तरह से ध्यान देने की ज़रूरत होती है। पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेने की जरूरत होती है। इस समय में अपने दोस्तों के साथ बातचीत करें, कॉफी पिएं। इस समय में आप सीढ़ी चढ़ने उतरने जैसा व्यायाम भी कर सकते हैं।

चलें-फिरें और व्यायाम करें

लगातार बैठ कर पढ़ने रहने के बाद बीच में कुछ समय के लिए व्यायाम करना जरूरी है। एक्टिविटी बढ़ाने से तनाव कम होता है और आप बेहतर महसूस करते हैं। इस दौरान आप सैर करना, दौड़ना, तैरना, डांस करना जैसे व्यायाम कर सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

सेहतमंद आहार तनाव से जूझने में मदद करता है। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, रिफाईंड कार्बोहाइड्रेट, चीनी से युक्त स्नैक्स खाने से तनाव बढ़ता है। इसके बजाए ताज़ा फल और सब्ज़ियां, अच्छी गुणवत्ता का प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड तनाव से लड़ने में मदद करते हैं।

छात्रों में तनाव के कुछ लक्षण

शारीरिक लक्षण- हार्ट रेट बढ़ना, सांस लेने में परेशानी, पेशियों में खिंचाव बहुत ज़्यादा पसीना आना, दिल की धड़कन बढ़ना, पेट में मरोड़, सिर में दर्द, मुँह सूखना, मतली- पेट खराब होना, बेहोशी- चक्कर आना, बहुत ज़्यादा गर्मी-ठंड लगना, नींद न आना, बुरे सपने आना, थकान, भूख में कमी/ भूख लगने का समय आदि बदलना।
व्यवहार में बदलाव- बेचैनी, चीज़ों से बचने की कोशिश करना, दूसरों से बचने की कोशिश करना, अधीरता महसूस करना, अपनी देखभाल कम करना, मादक पदार्थों का सेवन, अपने आप को नुकसान पहुंचाने वाला जोखिम भरा व्यवहार
भावनात्मक लक्षण-रोने-हंसने की इच्छा, क्रोध, असहाय महसूस करना, डर, निराशा, अवसाद, चिढ़चिढ़ापन, हताश महसूस करना
संज्ञानात्मक लक्षण- नकारात्मक सोच, भ्रमित-उलझन हेना, एकाग्रता और याददाश्त कम होना, सवाल हल करने में मुश्किल महसूस होना।


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