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त्रिपुरा में कैब को लेकर कंचनपुर, गंदाचेर्रा में तनाव

त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन कानून (कैब) के खिलाफ जारी संयुक्त आंदोलन निरंतर संवाद के साथ लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन जारी रखने की घोषणा के बाद शांत हो गया

त्रिपुरा में कैब को लेकर कंचनपुर, गंदाचेर्रा में तनाव
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अगरतला । त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन कानून (कैब) के खिलाफ जारी संयुक्त आंदोलन निरंतर संवाद के साथ लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन जारी रखने की घोषणा के बाद शांत हो गया है लेकिन उत्तरी त्रिपुरा के कंचनपुर और धलाई जिले के गंदाचेर्रा में अभी भी इस मसलेे को लेकर तनाव व्याप्त है।

रिपोर्टों के अनुसार कंचनपुर में तीन दिन पहले ब्रू शरणार्थियों के हमले के बाद 1500 से अधिक गैर-आदिवासी निवासियों ने अपने घरों को छोड़ दिया। कैब विरोधी आंदोलन के समर्थन में ब्रू विस्थापितों पर यह हमला करने का आरोप लगाया गया है। इन परिवारों ने कंचनपुर से ब्रू शरणार्थियों को हटाने की मांग की है और कहा है कि जब तक उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जाता तब तक वे वापस नहीं लौटेंगे।

पिछले तीन दिनों से कंचनपुर में डेरा डाले हुए उत्तरी त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक भानुपद चक्रवर्ती ने कहा कि स्थिति में सुधार हुआ है और प्रशासन सामान्य स्थिति एवं शांति बहाल करने के लिए परिवारों के साथ लगातार बैठकें कर रहा है। उन्होंने कहा कि कंचनपुर में पिछले दो दिनों में हिंसा की कोई ताजा घटना नहीं हुई है और प्रशासन ने सभी एहतियाती उपाय किए हैं।

लखीपुर क्षेत्र के 209 गैर-आदिवासी परिवारों ने उच्च माध्यमिक विद्यालय में शरण ली और अन्य 39 परिवारों ने पूर्वी लखीपुर में एसपीओ शिविरों में शरण ली है जबकि 45 परिवार कंचनपुर में एक जूनियर बेसिक स्कूल में शरण लिए हुए हैं। दूसरी ओर, 56 ब्रू परिवारों ने ओरिचारा के एक स्कूल में और अन्य 10 परिवारों ने रामचरण हाई स्कूल में शरण ले रखी है।

इन क्षेत्रों में उत्तेजित लोगों ने सभी दुकानों और बाजारों को बंद कर दिया है और तब तक नहीं खोलने का फैसला किया है जब तक सरकार हिंसा और हमले में उनके नुकसान की भरपाई एवं पूरी सुरक्षा प्रदान नहीं करती, ब्रू शिविरों को नष्ट नहीं करती और उन्हें मिज़ोरम में वापस नहीं भेजती।


प्रशासन विभिन्न स्थानों में शरण लिए हुए लोगों को भोजन और अन्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है।

बंगाली ओइक्या मंच (बीओएम) ने आरोप लगाया कि शिविरों में रहने वाले ब्रू लोग पिछले कुछ वर्षों से सामाजिक अशांति और असामाजिक गतिविधियां फैलाकर स्थानीय गैर-आदिवासी परिवारों को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव की ओर से राज्य में आदिवासी समूहों के दबाव के बाद हाल ही में त्रिपुरा में उन्हें बसाने के लिए सहमत होने के बाद ब्रू शरणार्थी और अधिक हिंसक हो गए तथा उन पर हमला करना शुरू कर दिया।

बीओएम कार्यकर्ता खोमुद नाथ ने कहा,“उन्होंने (ब्रू लोगों ने) कैब के खिलाफ हिंसक जुलूस निकाला और गैर-आदिवासियों के खिलाफ सांप्रदायिक नारे लगाए। उन्होंने सड़कों पर, बाजारों, दुकानों और घरों में, रास्ते में जो भी पाया, उन पर हमला एवं प्रताड़ित किया, संपत्तियों को नष्ट कर दिया और इलाके में तनाव पैदा कर दिया। उनके इस कदमों ने परिवारों को अस्थायी शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर किया।”

उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रू विस्थापित परिवारों को विभिन्न आदिवासी संगठनों ने गैर-आदिवासियों के खिलाफ उकसाया है। उन्होंने चेतावनी दी, “हम शांति को नष्ट करने के लिए इस तरह की सांप्रदायिक गतिविधियों का विरोध करने के लिए गंभीर आंदोलन शुरू करेंगे। हमने बंगाली परिवारों को उनके घरों में वापस जाने का अनुरोध करने से पहले प्रशासन को उन्हें परेशान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात काे भी स्पष्ट कर दिया है।”

इसी तरह के आरोप धलाई जिले के गंदाचेर्रा से प्राप्त हुए जहां बीओएम ने शुक्रवार से 48 घंटे की सामान्य हड़ताल आहूत की थी। पिछले दो दिनों से इस इलाके में कहीं से भी कोई ताजा हिंसा नहीं हुई है, लेकिन दो समुदायों के बीच तनाव व्याप्त है।

कमालपुर और तेलियामुरा में कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने पिछले दो दिनों में संपत्तियों में आग लगा दी। गैर आदिवासी शिक्षकों और वाहनों के चालकों ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आवाजाही बंद कर दी है। खोवाई, अमरपुर, मनु, बिश्रामगंज और उदयपुर के कुछ हिस्सों में भी इसी प्रकार के तनाव व्याप्त हैं।
संवेदनशील इलाकों में पुलिस के साथ अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात हैं। इसबीच प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधि विभिन्न इलाकों में शांति कायम करने को लेकर प्रयासरत हैं।


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