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तृणमूल के 3 कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर बंगाल के कैनिंग में तनाव

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के तटीय क्षेत्र कैनिंग में गुरुवार सुबह दिनदहाड़े तीन प्रभावशाली स्थानीय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई है

तृणमूल के 3 कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर बंगाल के कैनिंग में तनाव
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के तटीय क्षेत्र कैनिंग में गुरुवार सुबह दिनदहाड़े तीन प्रभावशाली स्थानीय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।

तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने जहां इस हत्या के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं हत्या के पीछे परिस्थितिजन्य साक्ष्य सत्ताधारी पार्टी के भीतर कलह की ओर इशारा कर रहे हैं।

बाइक सवार हमलावरों ने दिन-दहाड़े टीएमसी पंचायत सदस्य स्वपन मांझी की हत्या कर दी। वे सुबह कैनिंग में दो बूथ अध्यक्ष के साथ बाइक पर जा रहे थे, तभी हमलावरों ने उन्हें बीच सड़क पर रोककर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।

तीनों मारे गए स्थानीय नेताओं में एक स्थानीय पंचायत सदस्य स्वपन मांझी (38) और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस बूथ अध्यक्ष, भूतनाथ प्रमाणिक (33) और झंटू हलदर (33) शामिल हैं। गुरुवार की सुबह जब वे आगामी तृणमूल कांग्रेस की 21 जुलाई को वार्षिक शहीद दिवस कार्यक्रम से जुड़ी तैयारी बैठक में भाग लेने जा रहे थे, तब उन पर हमला हुआ। जब वे दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर सभा स्थल पर जा रहे थे, तो उन्हें हत्यारों ने रोक लिया, जिन्होंने पहले तीनों पर हमला बोला और फिर कई गोलियां चलाईं।

बरुईपुर जिला पुलिस अधीक्षक पुष्पा रानी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि हत्या के कारणों का पता लगाने और हत्यारों को पकड़ने के लिए जांच की जा रही है।

हालांकि, स्थानीय पुलिस सूत्र ने कहा कि यह स्पष्ट है कि हत्यारों को उस समय के बारे में निश्चित जानकारी थी, जब तीन पीड़ित उक्त जगह से गुजरेंगे और इसलिए, वे वहीं उनका इंतजार कर रहे थे। इस बिंदु से अंदरूनी कलह का मकसद मजबूत हो जाता है।

साथ ही, कैनिंग (पश्चिम) विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय विधायक परेश राम दास द्वारा पुलिस और मीडिया को दिए गए बयानों ने अंदरूनी कलह की थ्योरी को और बढ़ावा दे दिया है।

उन्होंने कहा, "तीनों पीड़ितों को काफी समय से मारे जाने का डर था। वे मंगलवार शाम को मेरे पार्टी कार्यालय में मुझसे मिलने आए और यह आशंका व्यक्त की। मैंने उन्हें उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। हालांकि, मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि उनकी आशंकाएं इतनी जल्दी सच हो जाएंगी।"

अब सवाल उठ रहे हैं कि स्थानीय विधायक को जान से मारने की धमकियों की जानकारी होने के बावजूद उनके लिए सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई।

निकटवर्ती कैनिंग (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक सौकत मोल्ला ने कहा कि पूरी संभावना है कि यह हत्या भाजपा की करतूत है। उन्होंने कहा, "उनका क्षेत्र में कोई संगठन आधार नहीं है और इसलिए वे कुछ स्थानीय असामाजिक तत्वों को क्षेत्र पर नियंत्रण करने के लिए एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं।"

हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि यह हत्या दो समूहों के बीच तनाव का परिणाम है, क्योंकि इनमें एक का मोल्ला से और दूसरे का दास से संबंध रहा है।


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