अरुणाचल में तनाव, रिजिजू ने किया शांति का आह्वान
अरुणाचल प्रदेश में स्थायी निवास प्रमाण पत्र (पीआरसी) जारी करने करने लेकर हुई हिंसा के बाद अब इसे लेकर राजनीति तेज हो गयी है

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में स्थायी निवास प्रमाण पत्र (पीआरसी) जारी करने करने लेकर हुई हिंसा के बाद अब इसे लेकर राजनीति तेज हो गयी है और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा विपक्षी दल कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और सांसद किरेन रिजिजू ने रविवार को राज्य में शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की। श्री रिजिजू ने ट्वीट किया, “अरुणाचल प्रदेश की सरकार पहले ही संयुक्त उच्चाधिकार समिति (जेएचपीसी) की पीआरसी पर की गयी सिफारिशों को अस्वीकार करने का आदेश पारित कर चुकी है। शांति के लिए एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप किये बिना सभी को साथ आना होगा। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंसा के कारण लोगों की जानें गयीं हैं।”
श्री रिजिजू ने कहा, “मुख्यमंत्री पेमा खांडु ने साफ कर दिया है कि भाजपा सरकार पीआरसी पर विधेयक नहीं ला रही हैं लेकिन नबाम रेबिया के नेतृत्व वाली संयुक्त उच्चाधिकार समिति की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करना चाहती है। इसका अर्थ है कि राज्य सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। पीआरसी की मांग कांग्रेस कर रही है और इसके लिए लोगों को भड़का रही है।”
कांग्रेस सूत्रों ने यूनीवार्ता को कहा, “अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को पार्टी हाईकमान के साथ चर्चा के लिए बुलाया गया है। हम राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर सकते हैं।”
ईटानगर में पीआरसी देने के लिए सरकार की ओर से नियुक्त संयुक्त उच्चाधिकार समिति की अनुशंसाओं में परिवर्तन की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। शुक्रवार की रात पुलिस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी इसके बाद रविवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने निवास को निशाना बनाया। प्रदर्शनकारियों ने उप मुख्यमंत्री चाउना मीन के निजी आवास और उपायुक्त कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारी अन्य राज्यों से आये लोगों को पीआरसी देने के लिए सरकार की ओर से नियुक्त पैनल की अनुशंसाओं में परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबलों की झड़प में दो और प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी।


