जन आक्रोश रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के भाषण की 10 विशेष बातें
जहां भी मैं जाता हूँ, लोगों से बात करता हूँ। कार्यकर्ता, किसान मज़दूर सबसे सीधा सवाल पूछता हूँ कि ख़ुश हो, तो जवाब आता है हम सरकार से गुस्सा हैं।

नई दिल्ली। जहां भी मैं जाता हूँ, लोगों से बात करता हूँ। कार्यकर्ता, किसान मज़दूर सबसे सीधा सवाल पूछता हूँ कि ख़ुश हो, तो जवाब आता है हम सरकार से गुस्सा हैं।हिंदुस्तान आस्था का देश है और आस्था का पेड़ सत्य पर खड़ा होता है। हमारे प्रधानमंत्री कोई भी वायदा कर जाते हैं, लेकिन उसमें सच्चाई नहीं होती है।
जनता सिर्फ़ सत्य के आगे सिर झुकाती है। देश प्रधानमंत्री का भाषण सुनकर सच्चाई को ढूंढने की कोशिश करती है और उसमें से वह सच्चाई निकालने की कोशिश करते हैं।
मंच पर खड़े होकर वह भ्रष्टाचार की लड़ाई की बात करते हैं जबकि कर्नाटक के मंच पर येदियुरप्पा और चार पूर्व मंत्री बैठे होते हैं जो ख़ुद जेल जा चुके हैं।पीयूष गोयल मंत्री बनने के बाद अपनी कंपनी के बारे में नहीं बताते हैं और कंपनी बेच देते हैं। इस पर मोदी जी के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता।
नीरव मोदी पैसे लेकर भाग जाता है और प्रधानमंत्री काले धन के ख़िलाफ़ लड़ाई की बात करते हैं। जनता को लाइन में लगा देते हैं लेकिन देश के चौकीदार ने नीरव मोदी के बारे में एक लाइन बोली।
सेना के लोग कहते हैं हमारे पास हथियार ख़रीदने के पैसे नहीं है। रफ़ाल विमान को हमने 700 करोड़ में ख़रीदा और मोदी फ्रांस जाकर कॉन्ट्रैक्ट बदल देते हैं और 1500 करोड़ में विमान ख़रीदते हैं।
अमित शाह का पुत्र 50 हज़ार रुपये को 80 हज़ार करोड़ में बदल देता है लेकिन देश के चौकीदार से एक शब्द नहीं निकलता है।
70 साल में पहली बार हिंदुस्तान में सुप्रीम कोर्ट के जज हाथ जोड़कर हिंदुस्तान की जनता के पास आते हैं और जनता से न्याय मांगते हैं लेकिन मोदी जी के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है।
हिंदुस्तान के इतिहास में 70 साल में पहली बार हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को विदेश में बताया गया कि आप हिंदुस्तान की महिलाओं की रक्षा नहीं कर रहे हो। उन्नाव और जम्मू में बलात्कार मामलों पर हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं कहता है।
देश के डीएनए में नफ़रत नहीं है। तीन हज़ार साल में भारत ने किसी पर हमला नहीं किया क्योंकि हम में नफ़रत नहीं है और हमें बीजेपी-आरएसएस की नफ़रत के ख़िलाफ़ लड़ना है।70 सालों में कांग्रेस ने देश को जोड़ने का काम किया है और महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों की रक्षा करने का काम किया है।


