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केजरीवाल बताएं, यदि दिल्ली में 680 पंप काम कर रहे थे तो दिल्ली में जलभराव की यह हालत क्यों हुई ? : सचदेवा

दिल्ली में जलभराव की हालत को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दावे पर सवाल खड़ा करते हुए भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आज बाढ़ को लेकर अपनी प्रेस वार्ता में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि दिल्ली में 680 पंप पानी निकासी का काम कर रहे थे

केजरीवाल बताएं, यदि दिल्ली में 680 पंप काम कर रहे थे तो दिल्ली में जलभराव की यह हालत क्यों हुई ? : सचदेवा
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नई दिल्ली। दिल्ली में जलभराव की हालत को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दावे पर सवाल खड़ा करते हुए भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आज बाढ़ को लेकर अपनी प्रेस वार्ता में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि दिल्ली में 680 पंप पानी निकासी का काम कर रहे थे और अब 326 पंप एवं 100 मोबाइल पंप और भी लगा दिए गए हैं जो कि अचंभित करता है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि यदि दिल्ली में 680 पंप काम कर रहे थे तो स्थिति इतनी भयावह क्यों हुई। सच यह है कि दिल्ली में पानी निकासी पंप लगाने के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है और पंप लगाये बिना ही भुगतान चल रहा है। सचदेवा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से यमुना के डूब क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अविलंब सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की मांग करते हुए कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक विपदा है और दिल्ली में बाढ़ आने की स्थिति में भाजपा पीड़ित लोगों को राहत पहुंचाने में सरकार का पूरा साथ देगी पर यह आश्चर्यजनक है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आज कहा कि जब तक यमुना में पानी का स्तर 206 मीटर पार नहीं करेगा तब तक यमुना क्षेत्र में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि जहां डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षा देने में केजरीवाल सरकार लापरवाही कर रही है तो वहीं दिल्ली सरकार ने निचले इलाकों में बसी कॉलोनियों में पानी निकासी सुनिश्चित करने में लापरवाही की है और आज स्थिति यह है कि हल्की बारिश होते ही यह सब कालोनियां जलमग्न हो जाती हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने केजरीवाल पर हमला जारी रखते हुए आगे कहा कि दिल्ली के लोग अचंभित हैं कि मौसम विभाग लगातार कह रहा था कि दिल्ली ही नहीं देश में इस वर्ष भयावह माॅनसून आयेगा और ऐसे में मुख्यमंत्री का यह कहना कि दिल्ली इतनी बारिश के लिये तैयार नहीं थी, उनकी अक्षमता का प्रमाण है।

उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा आज दिल्ली पुलिस से जलभराव के दृष्टिकोण से संवेदनशील स्थानों की सूची मांगने को भी केजरीवाल सरकार की लापरवाही का प्रमाण बताते हुए यह कहा कि यह खेदपूर्ण है कि मुख्यमंत्री को यह भी नहीं मालूम कि दिल्ली पुलिस तो हर वर्ष मार्च-अप्रैल में लोक निर्माण विभाग, जलबोर्ड और नगर निगम को संवेदनशील स्थानों की सूची भेज देती है।

वहीं, नॉवेल्टी स्ट्रीट मॉल का मसला उठाते हुए दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि एमसीडी बिल्डिंग डिपार्टमेंट की लापरवाही के कारण एमसीडी से लीज पर लिए गए नॉवेल्टी स्ट्रीट मॉल के मालिकों ने अपनी संपत्ति में बेसमेंट को जरूरत से ज्यादा खोद दिया है, जिससे इसके चारों ओर की सड़क ढह गई है। अत्यधिक खुदाई से निर्माणाधीन मॉल के पीछे की लगभग 40 दुकानों वाली 7 इमारतें खतरे में पड़ गई हैं। एमसीडी ने इन दुकानों के मालिकों को दुकान खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। लेकिन यह चौंकाने वाली बात है कि सत्ताधारी आप के कुछ नेताओं के दबाव में एमसीडी अधिकारियों ने अभी तक मॉल को सील नहीं किया है, बल्कि मॉल के आसपास के दुकानदारों को नोटिस जारी किया है, जिससे उनकी आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है।

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने एमसीडी आयुक्त से एसपी मुखर्जी मार्ग पर निर्माणाधीन नॉवेल्टी स्ट्रीट मॉल को तुरंत सील करने का आग्रह किया है ताकि आगे की क्षति से बचा जा सके। इसके साथ ही भाजपा ने एमसीडी द्वारा दिल्ली में केवल 57 मकानों को ही खतरनाक बताए जाने को भी दिल्ली के साथ भद्दा मजाक करार दिया है।


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