तेलंगाना ने पेश किया 1.82 लाख करोड़ रुपये का अंतरिम बजट
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने शुक्रवार को 2019-20 के लिए लेखानुदान बजट पेश किया, जिसमें 1,82,017 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च का प्रावधान किया गया है

हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने शुक्रवार को 2019-20 के लिए लेखानुदान बजट पेश किया, जिसमें 1,82,017 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च का प्रावधान किया गया है, जोकि पिछले साल के बजट से चार फीसदी अधिक है। मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी भत्ता, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि, किसानों की कर्जमाफी जैसे चुनावी वादों को पूरा किया है।
विधानसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए केसीआर ने कहा कि राज्य की राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वृद्धि दर 2014 में इसके गठन के बाद से दोगुना हो गया है और नए वित्त वर्ष के बजट में 1,07,309 करोड़ रुपये का राजस्व व्यय और 74,715 करोड़ का पूंजीगत व्यय दिखाया गया है।
केसीआर ने कहा कि केंद्र सरकार ने अगले वित्तीय साल के लिए लेखानुदान बजट पेश किया और चूंकि व्यय की प्राथमिकताओं को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है, इसलिए राज्य सरकार भी अंतरिम बजट पेश कर रही है।
राव ने अपने बजट भाषण में कहा, "2019-20 में अनुमानित राजस्व अधिशेष 6,564 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 27,749 करोड़ रुपये है।"
राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.81 प्रतिशत है।
राव ने कहा, "2019-20 के अनुमानित बजट के लिए राज्य का अपना राजस्व 2018-19 के संशोधित अनुमान 72,777 करोड़ रुपये की तुलना में 94,776 करोड़ रुपये है।"
उन्होंने कहा कि अनुमानित बजट 2019-20 के अनुसार केंद्र से हस्तांतरण 22,835 करोड़ रुपये है, जबकि 2018-19 के संशोधित अनुमान में इनका अनुमान 28,042 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा, "राज्य के गठन से दो साल पहले स्थिर कीमतों पर जीएसडीपी संवृद्धि दर 4.2 फीसदी थी, लेकिन 2017-18 में यह दोगुना से ज्यादा बढ़कर 10.4 फीसदी हो गई।"
केसीआर ने सदन को बताया कि राज्य के गठन के बाद पहले चार साल में तेलंगाना के अपने कर राजस्व में औसत वृद्धि 17.71 फीसदी रही जिससे प्रदेश देश में नंबर वन बन गया है।
उन्होंने कहा कि विवेकशील राजकोषीय प्रबंधन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने से ऐसा हो पाया है।
उन्होंने पात्र लोगों के लिए प्रति माह 3,016 रुपये बेरोजगारी भत्ता शुरू करने के लिए बजट में 1,810 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान को निवेश सहायता के रूप में प्रति एकड़ की जोत पर वर्तमान 8,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रदान किया जाएगा। वर्ष 2019-20 में रायतू बंधु योजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।
उन्होंने कहा कि आसरा पेंशन के तहत अब बुजुर्ग, विधवा, अकेली महिला, बीड़ी श्रमिक, फीलपांव से पीड़ित लोग, हस्तकरघा मजदूर, ताड़ी निकालने वालों को शामिल किया जाएगा जिनको हर महीने 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,016 रुपये मासिक पेंशन प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है।
अशक्तों के लिए पेंशन की राशि 1,500 रुपये से बढ़ाकर 3,016 रुपये मासिक करने का प्रस्ताव किया गया है। वृद्धावस्था पेंशन के लिए आयु सीमा 65 से घटाकर 57 वर्ष करने का प्रस्ताव रखा गया है ताकि इसका लाभ अधिक लोगों को मिल सके।


