तेलंगाना : कोविड के इलाज की मांग करते गिरफ्तार हुए नक्सली ने दम तोड़ा
कोविड-19 से संक्रमित एक नक्सली नेता को पिछले सप्ताह वारंगल में इलाज के लिए अस्पताल जाते समय गिरफ्तार किया गया था

हैदराबाद। कोविड-19 से संक्रमित एक नक्सली नेता को पिछले सप्ताह वारंगल में इलाज के लिए अस्पताल जाते समय गिरफ्तार किया गया था। उसने रविवार को हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया। नक्सली नेता गद्दाम मधुकर के परिवार वालों के मुताबिक, उस्मानिया जनरल अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
दंडकारण्य स्पेशल जोन डिवीजनल कमेटी के सचिव, गद्दाम मधुकर उर्फ मोहन उर्फ शोबरॉय को 1 जून को वारंगल में गिरफ्तार किया गया था, जब वह कोविड के इलाज के लिए हनमकोंडा शहर आ रहा था।
पुलिस के मुताबिक, मधुकर एक माओवादी कूरियर द्वारा चलाई जा रही कार में छिपा था।
वारंगल के पुलिस आयुक्त तरुण जोशी ने 2 जून को संवाददाताओं को बताया था कि मधुकर और एक कूरियर ब्वॉय को मुलुगु चौराहे के पास एक वाहन-जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
कुमुराम भीम आसिफाबाद जिले के रहने वाले मधुकर 1999 में तत्कालीन पीपुल्स वार ग्रुप (पीजीडब्ल्यू) के सिरपुर दलम में शामिल हुए थे।
संगठन, जो बाद में भाकपा-माओवादी बन गया, ने उसे दंडकारण्य विशेष क्षेत्र समिति में स्थानांतरित कर दिया और तब से, वह पुलिस कर्मियों की हत्या और उनके हथियार छीनने सहित कई अपराधों में शामिल था।
मधुकर ने पुलिस को बताया था कि प्रतिबंधित संगठन के करीब एक दर्जन शीर्ष नेता कोविड-19 से पीड़ित हैं।
माओवादी नेता जो कोविड से संक्रमित हैं, उनमें केंद्रीय समिति के दो सदस्य - कटकम सुदर्शन उर्फ आनंद और टिप्पारी थिरुपति उर्फ देवुज शामिल हैं।
माना जाता है कि तेलंगाना सीमा के पास छत्तीसगढ़ के जंगलों में छिपे कुछ माओवादी नेताओं ने वायरस के कारण दम तोड़ दिया। पुलिस के इस संदेह की पुष्टि हुई है कि कोविड माओवादी कैडर को तबाह कर रहा है।


