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तेलंगाना हाईकोर्ट ने शर्मिला को पदयात्रा फिर से शुरू करने की इजाजत दी

तेलंगाना हाईकोर्ट ने मंगलवार को वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) की नेता वाईएस शर्मिला को प्रजा प्रस्थानम पदयात्रा फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी है

तेलंगाना हाईकोर्ट ने शर्मिला को पदयात्रा फिर से शुरू करने की इजाजत दी
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हैदराबाद। तेलंगाना हाईकोर्ट ने मंगलवार को वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) की नेता वाईएस शर्मिला को प्रजा प्रस्थानम पदयात्रा फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार, 28 नवंबर को वारंगल जिले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकर्ताओं के कथित हमले के बाद उनकी इस यात्रा को रोक दिया गया था। हाईकोर्ट ने शर्मिला को पदयात्रा को फिर से शुरू करने की अनुमति देते समय पूर्व में जारी की गई शर्तों का पालन करने को कहा है।

गौरतलब है कि टीआरएस के स्थानीय विधायक के खिलाफ शर्मिला द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों का विरोध करते हुए, प्रदर्शनकारियों ने उनकी बस में आग लगा दी थी और अन्य वाहनों पर भी पथराव किया था। बाद में पुलिस ने शर्मिला को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि उन्होंने क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पदयात्रा को बंद करने से इनकार कर दिया था।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला को बाद में हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया। अगले दिन, मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास की ओर एक विरोध मार्च का नेतृत्व करते हुए उन्हें हाई ड्रामे के बीच फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। वह हमले में क्षतिग्रस्त कार चला रही थीं और मुख्यमंत्री आवास के सामने विरोध प्रदर्शन करना चाहती थीं। हालांकि पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। जब उन्होंने कार से बाहर आने से इनकार कर दिया तो पुलिस उन्हें थाने ले गई।

उसी दिन अदालत ने शर्मिला को पदयात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी थी लेकिन कुछ शर्तें रखी थीं। हालांकि, जब उन्होंने कुछ दिनों बाद उसी स्थान से यात्रा फिर से शुरू करने की कोशिश की, तो पुलिस ने पहले अनुमति देते समय निर्धारित शर्तों के उल्लंघन का हवाला देते हुए इजाजत देने से इनकार कर दिया।

जिसके बाद वे 9 दिसंबर को शहर में अंबेडकर प्रतिमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गईं। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और लोटस पॉन्ड स्थित उनके आवास पर उन्हें शिफ्ट कर दिया। हालांकि उन्होंने अनशन जारी रखा। जैसे ही उनकी हालत बिगड़ने लगी तो पुलिस ने 11 दिसंबर सुबह तड़के उन्हें जबरन अस्पताल में भर्ती कराया। सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज हुईं शर्मिला को पुलिस ने मंगलवार को हाई कोर्ट जाते समय घर से निकलने से रोक दिया।


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