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तेलंगाना के कांग्रेस सांसद ने पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग की

कांग्रेस सांसद कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने बुधवार को तेलंगाना में टीएसपीएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की

तेलंगाना के कांग्रेस सांसद ने पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग की
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हैदराबाद। कांग्रेस सांसद कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने बुधवार को तेलंगाना में टीएसपीएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे और उनसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच का आदेश देने का अनुरोध करेंगे।

वेंकट रेड्डी, जिनकी अतीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ हुई मुलाकातों की उनकी ही पार्टी के नेताओं ने आलोचना की थी, ने भोंगिर में एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की।

उन्होंने तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) में पेपर लीक को एक गंभीर मुद्दा करार दिया, जो राज्य में 30 लाख बेरोजगारों से जुड़ा है। सांसद ने टीएसपीएससी के अध्यक्ष जनार्दन रेड्डी के इस्तीफे की मांग की।

इस बीच, टीएसपीएससी पेपर लीक मुद्दे को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में छात्र समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

बहुजन विद्यार्थी संघम और उस्मानिया विश्वविद्यालय की छात्र संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से टीएसपीएससी तक एक मार्च निकालने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को ओयू लाइब्रेरी में रोक दिया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उस्मानिया विश्वविद्यालय परिसर में धरना दिया और उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।

टेंट लगाने की अनुमति नहीं दिए जाने पर प्रदर्शनकारी खुले में धरने पर बैठ गए। भाजपा नेता एम. शशिधर रेड्डी ने प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाई। उन्होंने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के इस्तीफे और टीएसपीएससी के अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी की।

एबीवीपी ने हैदराबाद के बाहरी इलाके कुथबुल्लापुर में आईडीपीएल में भी विरोध प्रदर्शन किया। वारंगल में छात्र समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रहा। बेरोजगारों ने हनमकोंडा में धरना दिया।

छात्र गुटों के नेताओं ने कहा कि पेपर लीक होने के बाद कई दिन बीत गए हैं, लेकिन सभी आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

इस बीच, काकातिया विश्वविद्यालय में उस समय तनाव व्याप्त हो गया, जब छात्रों और बेरोजगारों ने अपनी समस्याओं को लेकर एक बैठक आयोजित करने का प्रयास किया। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बैठक की अनुमति नहीं दी, लेकिन छात्रों ने एक मार्च निकाला और कुलपति कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की।


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