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नीतीश के 'सुशासन' से पार पाने के लिए तेजस्वी ने बदली रणनीति

लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। नीतीश कुमार के 'सुशासन' की छवि से पार पाने के लिए वह अब कानून-व्यवस्था को मुद्दा बना रहा है

नीतीश के सुशासन से पार पाने के लिए तेजस्वी ने बदली रणनीति
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पटना। लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। नीतीश कुमार के 'सुशासन' की छवि से पार पाने के लिए वह अब कानून-व्यवस्था को मुद्दा बना रहा है।

राजद नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पार्टी पर लगे 'जंगलराज' के दाग मिटाने के लिए नई रणनीति बनाई है। वह अब नीतीश कुमार के "सुशासन बाबू' की इमेज पर ही हमला कर रहे हैं।

तेजस्वी इन दिनों सोशल मीडिया अकाउंट पर लगातार कानून-व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावर हैं। वह डबल इंजन की सरकार बताकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों पर निशाना साध रहे हैं।

लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने 250 से अधिक सभाएं कीं, लेकिन महागठबंधन के तहत वह चार सीटें ही जीत सकी जबकि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू 12 सीटें जीतकर किंगमेकर साबित हुई। स्थिति ऐसी बन गयी कि भाजपा ने अभी से 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार कर लिया। दूसरी ओर, तेजस्वी कमजोर साबित हुए।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एनडीए के नेताओं ने लालू यादव के शासनकाल में फैले 'जंगल राज' की याद दिलाई और उसका लाभ भी एनडीए को मिला। माना जाता है कि राजद के नेताओं के ऊपर लगे भ्रष्टाचार और जंगलराज के आरोपों का नुकसान महागठबंधन को हुआ है।

बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार भी कहते हैं कि राजद पर लगे आरोपों का लाभ लोकसभा चुनाव में एनडीए को हुआ है। ऐसे में राजद के नेताओं ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में इससे पार पाने की योजना पर अभी से काम शुरू कर दिया है। राजद यह साबित करने की कोशिश कर रहा है कि आज के दौर में कानून-व्यवस्था की स्थिति ज्यादा खराब है। तेजस्वी राज्य के लोगों को सचेत और सावधान भी कर रहे हैं।


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